कुल मिलाकर औसतन प्रतिदिन 80 यूनिट रक्त की आपूर्ति की जाती है. हालांकि पिछले कई महीनों से सिलीगुड़ी व संलग्न इलाकों में सामान्य रूप से कोई रक्तदान शिविर नहीं लगाया गया है. पहाड़ में भी चल रहे आंदोलन के चलते रक्तदान शिविर नहीं लग पा रहे हैं. इस रक्त संकट ने लगता है पहाड़ और समतल की मानवीय एकता की नींव रख दी है. आखिर इंसान ही इंसान के काम आता है. भले ही उसकी जाति, भाषा और धर्म अलग-अलग हों. एक तरफ जहां पहाड़ में अशांति और हिंसा का दौर चल रहा है, वहीं वहां पर रक्त का संकट भी पैदा हो गया है. मेडिकल कॉलेज के सूत्र के अनुसार, पार्वत्य क्षेत्र के रक्त संकट को लेकर ही विगत 18 जुलाई को विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों को लेकर दार्जिलिंग के सीएमओएच ने एक बैठक की. पहाड़ में रक्त संकट को देखते हुए शिविर आयोजित करने का अनुरोध किया गया. हालांकि 27 जुलाई तक कोई भी संगठन शिविर करने की स्थिति में नहीं था.
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गोरखालैंड आंदोलन से पहाड़ पर रक्त संकट
सिलीगुड़ी. गोरखालैंड राज्य के लिए आंदोलन के चलते पहाड़ में जहां एक तरफ अशांति और तनाव का वातावरण है, वहीं उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों ने पहाड़ के लिए भी रक्तदान किया. उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ समीर घोष राय और चिकित्सकों के एक बड़े हिस्से ने रक्तदान किया […]
सिलीगुड़ी. गोरखालैंड राज्य के लिए आंदोलन के चलते पहाड़ में जहां एक तरफ अशांति और तनाव का वातावरण है, वहीं उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों ने पहाड़ के लिए भी रक्तदान किया. उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ समीर घोष राय और चिकित्सकों के एक बड़े हिस्से ने रक्तदान किया . उल्लेखनीय है कि इन दिनों समतल के साथ-साथ पहाड़ में भी रक्त की मांग बढ़ गई है. वहां से बार-बार रक्त की आपूर्ति के लिए अनुरोध किया जा रहा है. साथ ही ब्लड बैंक लगभग खाली हो चुका है. इससे समतल क्षेत्र के मरीजों को भी परेशानी हो रही है.
क्षेत्रीय ब्लड बैंक से केवल मेडिकल कॉलेज को प्रतिदिन 50 यूनिट से अधिक रक्त की आपूर्ति करनी पड़ती है. इसके अलावा सिलीगुड़ी जिला अस्पताल, पार्वत्य क्षेत्र समेत उत्तर बंगाल के विभिन्न इलाकों को भी इसी ब्लड बैंक से रक्त दिया जाता है.
इस बीच, दार्जिलिंग, कालिम्पोंग और कर्सियांग से प्रतिदिन ही रक्त के लिए ब्लड बैंक में फोन आ रहे थे.क्षेत्रीय ब्लड बैंक के प्रभारी अधिकारी मृदुमय दास ने बताया कि चालू माह में हमने पहाड़ को न्यूनतम 100 बोतल रक्त भिजवाये हैं. लेकिन वहां और भी रक्त की जरूरत है. बीते गुरूवार से हमारे ब्लड बैंक का भंडार खाली हो चुका है. यहां तक कि मेडिकल कॉलेज के मरीजों को भी हम रक्त नहीं दे पा रहे हैं. इसलिए हमने मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों से रक्तदान करने के लिए अनुरोध किया. इस रोज कुल 33 लोगों ने रक्तदान किया. अगले रविवार को एक शिविर आयोजित किये जाने का कार्यक्रम है. वहां से रक्त संग्रह होने पर उन्हें पहाड़ भेजा जायेगा.
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