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Wakefit Innovations की शेयर बाजार में फीकी शुरुआत, क्या उम्मीदों पर भारी पड़ी महंगी वैल्यूएशन?

Wakefit Innovations IPO GMP: Wakefit के शेयर बाजार में फ्लैट डेब्यू ने निवेशकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. 2 गुना से ज्यादा सब्सक्रिप्शन के बावजूद शेयर एनएसई और बीएसई पर लगभग आईपीओ प्राइस पर ही लिस्ट हुए हैं. आखिर मजबूत लिस्टिंग क्यों नहीं मिली, कंपनी आईपीओ के पैसों का इस्तेमाल कहां करेगी और Wakefit की फाइनेंशियल स्थिति कितनी भरोसेमंद है? क्या यह शेयर शॉर्ट टर्म में मुनाफा देगा या लॉन्ग टर्म निवेश के लिए सही विकल्प बन सकता है? इस लेख में आसान भाषा में समझिए Wakefit IPO की पूरी कहानी, एक्सपर्ट राय और निवेशकों को आगे क्या करना चाहिए.

Wakefit Innovations IPO GMP: सोमवार को होम और फर्निशिंग ब्रांड Wakefit ने शेयर बाजार में अपनी एंट्री की है, लेकिन यह शुरुआत बिल्कुल साधारण रही है. कंपनी के शेयर एनएसई पर अपने आईपीओ प्राइस 195 रुपये पर ही लिस्ट हुए हैं, यानी न कोई बड़ा फायदा, न कोई नुकसान है. बीएसई पर शेयर थोड़ा नीचे 194.10 रुपये पर खुले है. दिसंबर 8 से 10 के बीच आए इस आईपीओ को 2 गुना से ज्यादा सब्सक्रिप्शन मिला था, इसलिए कई निवेशकों को मजबूत लिस्टिंग की उम्मीद थी, लेकिन बाजार ने फिलहाल शांत रुख अपनाया हुआ है.

लिस्टिंग फ्लैट क्यों रही?

Wakefit के आईपीओ को निवेशकों की अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी, लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसकी वैल्यूएशन पहले ही काफी ऊंची थी. रिसर्च एनालिस्ट महेश एम ओझा का मानना है कि कंपनी के कुछ फाइनेंशियल मेट्रिक्स अपने प्रतिस्पर्धियों से महंगे नजर आते हैं. इसी वजह से बाजार ने लिस्टिंग के समय ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया था. ऐसे में जिन निवेशकों को तुरंत मुनाफे की उम्मीद थी, उन्हें निराशा हाथ लगी है.

कंपनी IPO के पैसों का इस्तेमाल कहां करेगी?

Wakefit ने साफ किया है कि आईपीओ से जुटाई गई रकम का बड़ा हिस्सा अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने में लगाया जाएगा. कंपनी देशभर में 117 नए कंपनी-ओन्ड स्टोर्स खोलने की योजना बना रही है. इसके अलावा नए मशीनरी, मौजूदा स्टोर्स के किराए, ब्रांड की मार्केटिंग और विज्ञापन पर भी अच्छा-खासा खर्च किया जाएगा. इससे साफ है कि Wakefit लॉन्ग टर्म ग्रोथ पर फोकस कर रही है.

फाइनेंशियल स्थिति कितनी मजबूत है?

2016 में शुरू हुई Wakefit ने कम समय में अच्छी ग्रोथ दिखाई है. मार्च 2024 तक कंपनी की कुल आय 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रही थी. सितंबर 2025 तक के छह महीनों में कंपनी ने 724 करोड़ रुपये का रेवेन्यू और 35.5 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है. यह आंकड़े बताते हैं कि ब्रांड की पकड़ मजबूत हो रही है, खासकर यंग कस्टमर्स के बीच में.

अब निवेशक क्या करें?

फिलहाल एक्सपर्ट्स की राय न्यूट्रल है. अगर भविष्य में हल्का फायदा मिलता है तो शॉर्ट टर्म निवेशक मुनाफा बुक कर सकते हैं. वहीं लॉन्ग टर्म निवेशक कंपनी के बिजनेस विस्तार और फाइनेंशियल परफॉर्मेंस पर नजर बनाए रखें.

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Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Soumya Shahdeo
Soumya Shahdeo
सौम्या शाहदेव ने बैचलर ऑफ़ आर्ट्स इन इंग्लिश लिटरेचर में ग्रेजुएशन किया है और वह इस समय प्रभात खबर डिजिटल के बिजनेस सेक्शन में कॉन्टेंट राइटर के रूप में काम कर रही हैं. वह ज़्यादातर पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी खबरें लिखती हैं, जैसे बचत, निवेश, बैंकिंग, लोन और आम लोगों से जुड़े पैसे के फैसलों के बारे में. इसके अलावा, वह बुक रिव्यू भी करती हैं और नई किताबों व लेखकों को पढ़ना-समझना पसंद करती हैं. खाली समय में उन्हें नोवेल्स पढ़ना और ऐसी कहानियाँ पसंद हैं जो लोगों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं.

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