गौरतलब है कि बंगाल में बिगड़ते सांप्रदायिक सौहार्द्र के प्रति हिंदुओं को जागरूक करने के लिए विहिप की ओर से यहां संत सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य के विभिन्न मंदिर के महंत, पुरोहित, संस्थान के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया. सम्मेलन को संबोधित करते हुए जिश्नु बसु ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक तनाव का माहौल बढ़ता ही जा रहा है और इसकी जिम्मेवार सत्तारूढ़ पार्टी की तुष्टीकरण की राजनीति है. बंगाल में एक बार फिर देश के बंटवारे के समय की परिस्थिति सामने आ गयी है. राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों से हिंदुओं को भगाया जा रहा है, उन पर अत्याचार किया जा रहा है और प्रशासन चुपचाप बैठ कर तमाशा देख रहा है.
बंगाल में अब ऐसा समय आने लगा है कि यहां बंगाली हिंदू अब रह पायेंगे या नहीं, इस पर भी सवाल उठने लगे हैं. बशीरहाट की घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट तो एक मात्र बहाना था, वहां पहले से ही हिंसा का माहौल है और फेसबुक पोस्ट को बहाना बना कर हिंदुओं पर अत्याचार किया गया. उन्होंने इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सभी को एकजुट होने की अपील की.