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पर्यटन मंत्री गौतम देव को पहाड़ पर आने से रोका
सिलीगुड़ी. पर्वतीय क्षेत्र में चल रहे अलग गोरखालैंड राज्य के आंदोलन के चलते राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव पानीघाटा में आदिकवि भानुभक्त आचार्य के 203वीं जयंती समारोह में शामिल नहीं हो सके. मंत्री को काफिला सहित पानीघाटा से दो किलोमीटर दूर से ही लौटने को मजबूर होना पड़ा. अलग राज्य गोरखालैंड आंदोलन के समर्थकों […]
सिलीगुड़ी. पर्वतीय क्षेत्र में चल रहे अलग गोरखालैंड राज्य के आंदोलन के चलते राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव पानीघाटा में आदिकवि भानुभक्त आचार्य के 203वीं जयंती समारोह में शामिल नहीं हो सके. मंत्री को काफिला सहित पानीघाटा से दो किलोमीटर दूर से ही लौटने को मजबूर होना पड़ा. अलग राज्य गोरखालैंड आंदोलन के समर्थकों ने सड़क अवरोध कर मंत्री को पहाड़ चढ़ने से रोक दिया. पानीघाटा से पहले ही त्रिहाना चाय बागान में भानुभक्त जयंती मनाकर मंत्री सिलीगुड़ी लौट आये.
गुरुवार को सिलीगुड़ी सहित पूरे देश में नेपाली साहित्य के आदिकवि भानूभक्त की 203वीं जयंती मनायी गयी. सिलीगुड़ी के निकट पानीघाटा इलाके में भी भानू भक्त जयंती का आयोजन किया गया था. तृणमूल समर्थकों ने कार्यक्रम में सिरकत करने के लिये राज्य के पर्यटनमंत्री गौतम देव को आमंत्रित किया गया. निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक मंत्री अपने काफिले के साथ पानीघाटा के लिए रवाना हुए. लेकिन पानीघाटा से दो किलोमीटर पहले ही उन्हें रोक दिया गया. मंत्री के पहाड़ चढ़ने की जानकारी मिलते ही गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) समर्थकों ने पानीघाटा जाने वाली सड़क को जाम कर दिया. सड़क पर बड़े-बड़े पत्थर व टायर जलाकर जाम कर दिया गया. गोजमुमो समर्थक हाथ में लाठी आदि लेकर मंत्री के इंतजार में पहले से खड़े थे.
स्थिति की जानकारी मिलते ही पुलिस की विशाल वाहिनी इलाके में तैनात की गयी लेकिन आंदोलनकारी हिलने को राजी नही थे. उत्तेजित हालात की नजाकत को देखते हुए मंत्री को अपना काफिला वापस करना पड़ा. रास्ते में ही उन्होंने कवि प्रणाम कार्यक्रम संपन्न किया, जिसके बाद कदमा मोड़ और आखिर में आर्मी कैम्प संलग्न त्रिहाना चाय बागान के खेल मैदान में कार्यक्रम संपन्न कराया. उसके बाद वे वापस सिलीगुड़ी चले आये. बाद में प्रेस से मुखातिब मंत्री गौतम देव ने विरोध प्रदर्शन की तीव्र निंदा करते हुए कहा कि यह आंदोलन का कोई सही तरीका नहीं है. यह सरासर गुंडागर्दी है, जो गोजमुमो के सदस्य कर रहे हैं.
आज की हिंसात्मक घटना की कड़ी निंदा करते हुए श्री देव ने आंदोलन को उकसाने का आरोप भाजपा पर लगाया. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को केन्द्र सरकार शह दे रही है. चूंकि अभी तक केन्द्र ने इस आंदोलन के उग्र रूप की आलोचना नहीं की है. केन्द्र सरकार की परोक्ष मदद से ही यह आंदोलन चल रहा है. उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग एक संवेदनशील क्षेत्र है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं घिरी हुई हैं. इस महत्वपूर्ण बिन्दु को केन्द्र सरकार नजरअंदाज कर रही है. मंत्री ने आंदोलनकारियों को आगाह करते हुए कहा कि मैदानी इलाकों में इस आंदोलन को करने नहीं दिया जायेगा. जरूरत पड़ी तो उससे सख्ती से निपटा जायेगा.
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