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सुपारी तस्करों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों की मुहिम

एसएसबी, कस्टम और डीआरआइ ने तेज की कार्रवाई तीन महीने में दो करोड़ का माल हो चुका है जब्त कई कारोबारी और नेता लिप्त हैं तस्करी में जिला प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है सिलीगुड़ी : केंद्रीय एजेंसियों ने सुपारी तस्करों के खिलाफ कमर कस ली है. पिछले कुछ महीनों में तस्करी की सुपारी के कई […]

एसएसबी, कस्टम और डीआरआइ ने तेज की कार्रवाई

तीन महीने में दो करोड़ का माल हो चुका है जब्त

कई कारोबारी और नेता लिप्त हैं तस्करी में

जिला प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है

सिलीगुड़ी : केंद्रीय एजेंसियों ने सुपारी तस्करों के खिलाफ कमर कस ली है. पिछले कुछ महीनों में तस्करी की सुपारी के कई जखीरे पकड़े जाने से तस्करों की चिंता बढ़ गयी है. सिलीगुड़ी के रास्ते सुपारी की तस्करी बड़े पैमाने पर होती है. सुपारी तस्करी का आलम यह है कि पिछले तीन महीने में करीब दो करोड़ की सुपारी जब्त की गयी है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है किस रफ्तार से सुपारी की तस्करी की जा रही है. लेकिन अब केंद्रीय एजेंसियों ने सुपारी तस्करी पर निगरानी बढ़ा दी है. सुपारी तस्करी में सिलीगुड़ी के कई कारोबारियों व नेताओं का नाम भी सामने आ रहा है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लंबे अरसे से सुपारी की तस्करी हो रही है. पहले ज्यादा तस्करी नेपाल से होती थी. लेकिन कम कीमत की सुपारी की खोज में तस्करों ने म्यांमार और इंडोनेशिया तक पैर पसार लिये हैं. इंडोनेशिया की सुपारी को म्यांमार, असम के रास्ते सिलीगुड़ी होते हुए बंगाल की सीमा पार करायी जाती है.

सुपारी तस्करी में सिलीगुड़ी के कई पूंजीपति व नेता भी शामिल हैं. नेपाल और म्यांमार की सुपारी प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर सिलीगुड़ी तक पहुंचायी जाती है. सिलीगुड़ी जंक्शन, विधान मार्केट, सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन आदि इलाकों में असम नंबर के ट्रकों में लदी सुपारी को बंगाल के दार्जीलिंग के नंबर के ट्रकों में पलट दिया जाता है. फिर यह ट्रक गंतव्य के लिये प्रस्थान करते हैं.

सिलीगुड़ी के कुछ व्यवसायी व नेता अपने दमखम पर ट्रकों को बंगाल की सीमा पार कराते हैं. सुपारी तस्करी पर पुलिस प्रशासन आंखें मूंदे रहता है, लेकिन सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), कस्टम व राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) ने सुपारी तस्करों की नींद हराम करने के लिए पहल कर दी है.

बीते चार महीनों में एसएसबी ने तीन अभियान चलाकर करीब 70 लाख की सुपारी जब्त की है.

एसएसबी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 28 मार्च को महानंदा एक्सप्रेस के माल डिब्बे से 6 हजार किलो सुपारी बरामद की गयी. अलीपुरद्वार से दिल्ली जानेवाली इस ट्रेन में तस्करी की सुपारी को कानपुर तक के लिए बुक कराया गया था. गुप्त जानकारी के आधार पर एसएसबी टीम ने न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर सुपारी जब्त कर ली. जब्त सुपारी की कीमत 12 लाख रुपये आंकी गयी थी. इसके बाद 15 अप्रैल को बोंगाईगांव से न्यू जलपाईगुड़ी तक आनेवाली पैसेंजर ट्रेन से 123 बोरा सुपारी जब्त की गयी. 9 हजार 800 किलो जब्त सुपारी की कीमत 20 लाख के करीब आंकी गयी थी. तीन दिन बाद 18 अप्रैल को एसएसबी ने कोलकाता जानेवाली कंचनजंघा एक्सप्रेस से सुपारी की 110 बोरियां जब्त कीं. इन बोरियों से कुल साढ़े आठ हजार किलो सुपारी बरामद हुई. जिसकी कीमत 17 लाख रुपये आंकी गयी थी.

फिर करीब दो महीने बाद डीआरआइ की टीम ने बीते शुक्रवार देर रात फांसीदेवा इलाके से दो ट्रक सुपारी जब्त की. जिसकी कीमत एक करोड़ बीस लाख रुपये बतायी गयी है. सुपारी के साथ डीआरआइ की टीम ने आंध्र प्रदेश के चार तस्करों को भी गिरफ्तार किया है.

जबकि एसएसबी द्वारा चलाये गये अभियानों में एक भी तस्कर की गिरफ्तारी नहीं हुई, क्योंकि तस्कर बोरियों को ट्रेन के माल डिब्बे में बुक कराते थे. एसएसबी व डीआरआइ से मिली जानकारी के अनुसार, यह सारा माल कानपुर और महाराष्ट्र स्थित गुटखा कंपनियों के लिए रवाना किया जाता है. डीआरआइ ने जो जखीरा जब्त किया वह महाराष्ट्र के नागपुर स्थित एक गुटखा कंपनी को पहुंचाया जाना था.

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