इस अशांत परिस्थिति के बीच राज्य सरकार ने पहाड़ पर तैनात अपने अधिकारियों को वर्तमान परिस्थिति में पहाड़ नहीं छोड़ने का निर्देश दिया है. राज्य सरकार की आेर से जिलाधिकारी जयश्री दासगुप्ता ने इस संबंध में एक निर्देश जारी किया है.
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सरकारी अधिकारियों को पहाड़ न छोड़ने का निर्देश
कोलकाता: दार्जिलिंग की स्थिति विस्फोटक बनी हुई है. गोरखालैंड की मांग पर गोरखा जनमुक्ति मोरचा लगातार बंद आैर आंदोलन कर रहा है. मोरचा के आंदोलन के दौरान अब तक कई सरकारी इमारतों, दफ्तरों व वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया है. राज्य सरकार दावा कर रही है कि गोरखालैंड के नाम पर मोरचा समर्थकों ने अब […]
कोलकाता: दार्जिलिंग की स्थिति विस्फोटक बनी हुई है. गोरखालैंड की मांग पर गोरखा जनमुक्ति मोरचा लगातार बंद आैर आंदोलन कर रहा है. मोरचा के आंदोलन के दौरान अब तक कई सरकारी इमारतों, दफ्तरों व वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया है. राज्य सरकार दावा कर रही है कि गोरखालैंड के नाम पर मोरचा समर्थकों ने अब तक 150 करोड़ रुपये मूल्य की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले 14 जून को ही यह निर्देश जारी किया गया था, पर निर्देशानुसार काम होता नजर नहीं आया, इसलिए शनिवार को आैर भी सख्त भाषा में दोबारा यह निर्देश जारी किया गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार निर्देश में कहा गया है कि पहाड़ पर जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती है, तब तक सरकारी अधिकारी पहाड़ नहीं छोड़ सकते हैं. उनकी छुट्टी के मौखिक आवेदन को स्वीकार नहीं किया जायेगा. छुट्टी के लिए लिखित आवेदन के बगैर दार्जिलिंग, कर्सियोंग व मिरिक में तैनात अधिकारी ऑफिस छोड़ कर नहीं जा सकते हैं. उन्हें वहीं रहना होगा. छुट्टी के दिन भी उन्हें काम पर रहना होगा. इसके साथ ही जिलाधिकारी ने यह भी घोषणा की है कि जो सब ठेका कर्मचारी पहाड़ पर बंद के दौरान काम से गैरहाजिर हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. जरूरत पड़ने पर राज्य सरकार उन्हें काम से हटा भी सकती है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक इससे पहले 14 जून को भी जिलाधिकारी ने इस प्रकार का एक निर्देश जारी किया था, पर उसका कोई लाभ नहीं नजर आया. सरकारी कर्मचारियों की उपस्थिति कम रही. काफी कर्मचारी गैरहाजिर रहे.
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