इस संबंध में भाजपा के वरिष्ठ नेता ने बताया कि गोरखा जनमुक्ति मोरचा की इस मांग पर सिर्फ केंद्र सरकार कोई निर्णय ले सकती है. भाजपा के केंद्रीय नेता गोजमुमो के प्रतिनिधियों के साथ मिल कर बातचीत करना चाहते हैं, क्योंकि केंद्र सरकार दार्जिलिंग की वर्तमान स्थिति से काफी चिंतित है. इस संबंध में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने दार्जिलिंग की स्थिति के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि गोजमुमो ने फिर से अलग गोरखालैंड बनाने की जो मांग की है, वह मुख्यमंत्री की वजह से हाे रहा है. विकास पर्षद के गठन के नाम पर पहाड़ के लोगों को बांटने का काम मुख्यमंत्री ने किया है. हालांकि, उन्होंने भी गोजमुमो की मांग को नकारते हुए कहा कि वह भी दार्जिलिंग को अलग राज्य बनाने की मांग का समर्थन नहीं करते हैं.
उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमारी सरकार है और दार्जिलिंग की लोकसभा सीट पर भाजपा के सांसद हैं और वह अब केंद्रीय मंत्री भी हैं. इसलिए हमारा यह कर्त्तव्य है कि हम गोजमुमो के समर्थकों की बात सुनें और वहां के लोगों से मिल कर उनकी समस्याओं को सुनें और फिर उसका निवारण करें. इसी वजह से केंद्रीय टीम वहां का दौरा करेगी.