प्राप्त जानकारी के अनुसार राम नारायण पाल (60) की मौत पत्नी के वियोग में हो गयी. वह घर में अपनी पत्नी के साथ अकेले रहते थे. मृतक का एकमात्र पुत्र काम के सिलसिले में दूसरे राज्य में रहता है. पत्नी गीता पाल पिछले आठ साल से बीमार रह रही थीं. पिछले सप्ताह उनकी तबीयत काफी बिगड़ गयी और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भरती कराया. बालूरघाट से उनको मालदा रेफर कर दिया गया. मंगलवार वहीं उनकी मौत हो गयी.
बुधवार को गीता के शव को अंतिम संस्कार के लिए इच्छामती नदी ले जाया जा रहा था. इसी दौरान पति राम नारायण पाल उदालमोड़ इलाके में जमीन पर बैठ गये. कुछ देर में ही उनकी मौत हो गयी. मृतक की बेटी ज्योति पाल ने बताया है कि मां-बाप की एक साथ मौत हो जाने से दोनों भाई-बहन अनाथ हो गये हैं. गांववाले भी इस मार्मिक घटना से काफी दुखी हैं.