कोलकाता, अमर शक्ति : केंद्र सरकार द्वारा मुख्य निर्वाचन आयुक्त व चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर लाये गये विधेयक पर राज्य की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने हमला बोलते हुए कहा है कि केंद्र की भाजपा सरकार अब सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी अनुपालन नहीं कर रही. सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त के चयन के लिए एक समिति बनायी थी, लेकिन केंद्र ने इसे मानने से इंकार कर दिया और इसके लिए विधेयक पारित कराया. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने इस विधेयक को लेकर केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि भाजपा अराजकता फैलाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है.
Amidst calls to bow down to the judiciary, the @BJP4India instead bows to anarchy!
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) August 12, 2023
The CJI's role in the 3-member committee for selecting the CEC is crucial. We strongly oppose replacing the CJI with a cabinet minister in the EC selection. The discomfort suggests their vote…
हम केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पैनल से बाहर करके भाजपा मनमानी करना चाहती है. शनिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाली तीन सदस्यीय कमेटी में सीजेआई की भूमिका अहम थी. हम सीजेआई की जगह पर केंद्रीय मंत्री को पैनल में लेने के फैसले का विरोध करते हैं, क्योंकि इससे वोट मैनिपुलेशन भी किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के सभी दलों को न्यायपालिका की इस तौहीन पर सवाल करना चाहिए.
Also Read: पीएम मोदी की बयान पर ममता का पलटवार, एनडीए सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार पर नहीं बोलते प्रधानमंत्रीमुख्यमंत्री ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या ये न्यायपालिका को मंत्रियों द्वारा चलाया जाने वाला कंगारू कोर्ट बना देना चाहते हैं. हम न्यायपालिका के आगे भारत के लिए हाथ जोड़ते हैं. माइ लॉर्ड कृपया हमारे देश को बचा लीजिए. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने गुरुवार को ही राज्यसभा में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति संबंधित विधेयक पेश किया है. इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति इनका चयन करेगी। इस समिति में एक कैबिनेट मंत्री और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष होंगे. वहीं, सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश को इसमें जगह नहीं होगी.
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