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गैंगरेप के तीन माह बाद लॉ कालेज की उप प्राचार्य का इस्तीफा, नहीं हुआ मंजूर

साउथ कलकत्ता लॉ कालेज के परिसर में तीन महीने पहले पूर्व छात्र समेत तीन लोगों द्वारा एक छात्रा के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद उप प्राचार्य नयना चटर्जी ने संचालन समिति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. चटर्जी ने कहा कि उन्होंने उप प्राचार्य पद से इस्तीफा दिया है और वह सहायक प्राध्यापक के रूप में अपनी सेवाएं देंगी.

कोलकाता.

साउथ कलकत्ता लॉ कालेज के परिसर में तीन महीने पहले पूर्व छात्र समेत तीन लोगों द्वारा एक छात्रा के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद उप प्राचार्य नयना चटर्जी ने संचालन समिति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. चटर्जी ने कहा कि उन्होंने उप प्राचार्य पद से इस्तीफा दिया है और वह सहायक प्राध्यापक के रूप में अपनी सेवाएं देंगी. काफी समय से कॉलेज में प्राचार्य का पद खाली होने के कारण राज्य संचालित इस प्रमुख विधि संस्थान का प्रशासनिक दायित्व चटर्जी ही संभाल रही थीं.

चटर्जी की आलोचना इस बात को लेकर हुई थी कि उन्होंने कॉलेज के पूर्व छात्र और मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा के अनुचित आचरण के बारे में कई शिकायतें मिलने के बावजूद उसे परिसर में स्वतंत्र रूप से आने-जाने की छूट दी और उसे संविदा कर्मचारी के रूप में नियुक्त भी किया. चटर्जी ने बुधवार को कुछ प्रशासनिक जिम्मेदारियों से उपजे लगातार दबाव और दैनिक कामकाज में सीमित सहयोग का हवाला देते हुए उप प्राचार्य पद से इस्तीफा दे दिया. उच्च शिक्षा विभाग को भी भेजे गये मेल में चटर्जी ने कहा कि उनका विचार यह है कि पद की गरिमा से समझौता नहीं किया जाना चाहिए, ताकि सुचारू कामकाज हो सके, इसलिए उन्होंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया. हालांकि पद से फिलहाल उन्हें मुक्त नहीं किया जा रहा है. गुरुवार को कॉलेज की प्रबंध समिति की बैठक में बताया गया कि नये अध्यक्ष की नियुक्ति होने तक उन्हें पद पर बने रहना होगा. गुरुवार की बैठक के बाद नयना ने कहा : अगर मैं पद से हटती हूं, तो कॉलेज में गतिरोध की स्थिति पैदा हो सकती है. इसलिए मुझे पद पर बने रहने को कहा गया है.

प्रबंध समिति के अध्यक्ष अशोक देब ने कहा कि उपाध्यक्ष ने शारीरिक और मानसिक तनाव के कारण इस्तीफा देने की इच्छा जतायी थी. लेकिन मामला अदालत में चल रहा है, इसलिए हमने उन्हें काम करते रहने को कहा है. इसके अलावा इसी दिन कॉलेज की दीवारों पर की गयीं भित्तिचित्रों पर भी सवाल उठाये गये. पिछले जून में परिसर के अंदर प्रथम वर्ष की एक छात्रा के साथ दुष्कर्म का आरोप लगा था. मुख्य आरोपी कॉलेज का पूर्व छात्र व कॉलेज में अस्थायी कर्मचारी था. कॉलेज की दीवारों पर उसके नाम से कई नारे लिखे गये थे. वे अब भी वहीं हैं. घटना के ढाई महीने बाद भी उन नारों को क्यों नहीं हटाया जा सका, इस बारे में प्रबंधन समिति के अध्यक्ष से पूछताछ की गयी. अशोक देब ने कहा कि पूजा की छुट्टियों के दौरान पढ़ाई बंद रहेगी. तब सभी काम पूरे कर दिये जायेंगे.

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