प्रतिनिधि, आसनसोल
आसनसोल के परबलिया स्थित हिजुली निवासी स्वरूप चट्टराज ने बुधवार को अपनी गर्भवती पत्नी को प्रसव पीड़ा की शिकायत के बाद एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर आठ महीने छह दिन के एक नवजात शिशु का जन्म कराया, लेकिन प्रसूता की सर्जरी के दौरान ही मौत हो गयी. घटना की खबर मिलते ही परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा शुरू कर दिया और डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया. परिजनों ने मुआवजे की भी मांग की. परिजनों ने बताया कि स्वरूप चट्टराज एक कारखाने में काम करते हैं और उन्हें इएसआइ की सुविधा प्राप्त है. जब पत्नी की तबीयत बिगड़ी, तो वे पहले इएसआइ अस्पताल गये थे, जहां से महिला को निजी अस्पताल में रेफर किया गया. स्वरूप के अनुसार उन्होंने डॉक्टरों से अनुरोध किया था कि उनकी पत्नी को बड़े अस्पताल में रेफर कर दिया जाए, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने वहीं पर सर्जरी करने का निर्णय लिया. ऑपरेशन के बाद प्रसूता की मौत हो गयी, जबकि नवजात बच्ची जीवित है. स्वरूप चट्टराज ने कहा कि अस्पताल की लापरवाही के कारण उनकी पत्नी की जान चली गयी. उन्होंने डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और कहा कि अब उनके पास अपनी बच्ची और पत्नी के शव को छोड़कर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
वहीं, अस्पताल प्रबंधन ने लापरवाही के आरोपों को खारिज किया है. एक अधिकारी ने बताया कि महिला को बेहद नाजुक हालत में लाया गया था और चिकित्सकों ने पूरी जिम्मेदारी के साथ ऑपरेशन किया. लेकिन जच्चा और बच्चा दोनों को बचाना संभव नहीं हो सका. अधिकारी ने कहा कि नवजात बच्ची को फिलहाल चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है और परिजनों को स्थिति की पूरी जानकारी दी गयी है.
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