कोलकाता.
दुर्गापूजा से पहले बुधवार को कोलकाता नगर निगम में मासिक अधिवेशन की बैठक हुई. बैठक में तृणमूल कांग्रेस के एक पार्षद ने आसमान चोरी का अनोखा आरोप लगाया. यह आरोप विश्वरूप दे की ओर महानगर के केबल टीबी ऑपरेटरों पर लगाया गया. श्री दे ने प्रश्नकाल में पूछा कि कोलकाता नगर निगम अपने विभिन्न क्षेत्रों में बेईमान केबल टीवी और ब्रॉडबैंड ऑपरेटरों द्वारा की जा रही आसमानी चोरी के संबंध में निगम कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है ? उनका इशारा ओवर हेड तारों की ओर था. उन्होंने कहा कि केवल टीबी ऑपरेटर्स अपने तारों को ले जाने के लिए निगम के लाइट पोस्ट का सहारा लेते हैं. उन्होंने निगम के लाइटिंग एंड इलेक्ट्रिसिटी विभाग की ओर से इस साल 29 जनवरी को जारी किये गये निर्देश का हवाला देते हुए कहा कि तब निगम की ओर से कहा गया था कि महानगर की सभी केबल लाइनें भूमिगत डक्ट के माध्यम ले जायी जायेंगी. किसी भी तरह से ओवरहेड केबल का उपयोग नहीं किया जायेगा. इसके बावजूद, आसमानी चोरी क्यों की जा रही है? परिणामस्वरूप, कोलकाता अब केबल तारों का जंगल बन गया है. आसमान में चारों ओर तारों का मकड़जाल दिखता है. इसके जवाब में उक्त विभाग के मेयर परिषद के सदस्य संदीप रंजन बख्शी ने कहा कि तारों को डक्ट के जरिये भूमिगत करने के लिए कई बार केबल टीबी ऑपरेटरों को निर्देश दिया गया था. पर उनके ओर से अमल नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि अब निगम खुद डक्ट तैयार कर रहा है. इस डक्ट के माध्यम से तारों को भूमिगत किया जायेगा. उन्होंने कहा कि हम अपनी लागत से कोलकाता हरिश मुखर्जी रोड, न्यू अलीपुर, आशुतोष मुखर्जी रोड, बेल्वेडियर रोड में डक्ट तैयार किया है.उन्होंने कहा कि इन इलाकों में ओवर हेड केबल तार को भूमिगत कर दिया गया है. पूरे कोलकाता में ही इस तरह की व्यवस्था की जायेगी. पर इस कार्य को पूरा करने में समय लगेगा. उन्होंने कहा कि हम किसी भी केबल टीबी के तारों को निगम के स्ट्रीट लाइट पोस्ट के ऊपर से नहीं गुजरने देंगे. वहीं, डक्ट के इस्तेमाल के लिए केबल टीबी ऑपरेटर्स से किराया वसूला जायेगा.
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