कोलकाता. दुर्गापूजा के दौरान षष्ठी यानी रविवार को महानगर में सुबह से ही दर्शनार्थियों की भारी भीड़ पूजा मंडपों की ओर उमड़ने लगी. अन्य जिलों से कोलकाता आने वाले लोगों की संख्या भी कम नहीं रही. सुरक्षा और ट्रैफिक नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए कोलकाता पुलिस ने विशेष इंतजाम किये. ट्रैफिक नियंत्रण, वन वे व्यवस्था और पार्किंग नियमों के माध्यम से पुलिस ने इस पर्व को सुरक्षित और सुचारू बनाने का प्रयास किया. दुर्गापूजा के दौरान भीड़ और वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने पहले से ही ट्रैफिक बदलाव लागू किये हैं. इस दिन अपराह्न तीन बजे से देर रात तक महानगर के कई प्रमुख मार्गों पर वाहनों की आवाजाही पर रोक रही. इसमें बीबी गांगुली स्ट्रीट, राजा राम मोहन राय सरणी, कॉलेज स्ट्रीट व बिधान सरणी शामिल हैं. रवींद्र सरणी (न्यू सीआइटी रोड से गैलिफ स्ट्रीट तक), दानी घोष सरणी और बागबाजार स्ट्रीट को वन वे किया गया है. बीके पॉल एवेन्यू, बंकिम चटर्जी स्ट्रीट और अरविंद सरणी पर भी यातायात नियंत्रित रहा. ऐसे ही दक्षिण कोलकाता व महानगर के अन्य जगहों पर भी नियम लागू रहे. सोमवार यानी दुर्गापूजा के सप्तमी से महानगर में आने वाले लोगों की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है, इसलिए ट्रैफिक नियमों की मियाद को थोड़ा बढ़ाया गया है. 29 सितंबर से एक अक्तूबर तक भी रोजाना दोपहर तीन बजे से देर रात तक चुनिंदा मार्गों पर सामान्य वाहन नहीं चलेंगे. इमरजेंसी सेवाओं, दूध, सब्जी, दवा और छोटे मालवाहक वाहनों को कुछ समय तक छूट दी गयी. यह नियम बढ़ा कर तड़के चार बजे तक लागू किया गया है. पुलिस ने स्पष्ट किया है कि ट्रैफिक नियंत्रण और भीड़ प्रबंधन के सभी कदम श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाये गये हैं. कोई भी सुरक्षा संबंधी चूक न हो, इसके लिए पूजा मंडपों और मार्गों पर पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं.
महानगर में बड़े पंडलों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस डॉग स्क्वाड भी सतर्क है. इस बार आठ कुत्तों की टीम तैनात है, जिसमें लैब्राडोर और जर्मन शेफर्ड शामिल हैं. डॉग स्क्वाड और गुप्तचर अधिकारियों के निर्देशन में कुत्तों को पंडाल और उसके आसपास की क्षेत्रों में तैनात किया जा रहा है. कुत्तों की टीम पहले पंडाल के आसपास की जगह का निरीक्षण करती है, फिर लाइनिंग और सुरक्षा के लिहाज से संदिग्ध क्षेत्रों की जांच करती है. निरीक्षण के बाद ही कुत्तों को अगले पंडाल में भेजा जाता है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस व्यवस्था से किसी भी अप्रिय घटना की रोकथाम में मदद मिलेगी.
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