कोलकाता. रेलवे में लोको पायलटों के स्थिति और काम करने के घंटों को लेकर लगातार कई सवाल खड़े किये जाते हैं. वर्तमान में भी ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन द्वारा लोको पायलट्स की स्थिति को लेकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. इसी बीच रेलवे ने लोको पायलट्स को रेलवे द्वारा दी जा रही सुविधाओं की जानकारी मीडिया से साझा की है. रेलवे का कहना है कि 2014 के बाद से ट्रेन पायलटों की स्थिति में काफी सुधार हुआ है.
रेलवे ने लोको पायलट को भारतीय रेल परिवार के महत्वपूर्ण सदस्य बताते हुए कहा कि उनके वर्किंग कंडीशन को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए गये हैं. रेलवे का कहना है कि पिछले 10 वर्षों में लोको पायलटों के सभी रनिंग रूम को वातानुकूलित किया गया है और उन्हें अच्छे से सुसज्जित किया गया है. 2014 से पहले देश का एक भी रनिंग रूम वातानुकूलित नहीं था. पिछले 10 वर्षों में आधे से ज्यादा लोको केबिनों को एर्गोनोमिक सीटों, वातानुकूलन और अन्य सुधारों के साथ अपग्रेड किया गया है. 2014 से पहले एक भी लोको केबिन वातानुकूलित नहीं था.
अब जितने भी नये लोकोमोटिव्स ( ट्रेन इंजन) बन रहे हैं उसमें शौचालय भी तैयार किया जा रहा है. 2014 से पहले यह निर्माण योजना का हिस्सा भी नहीं था. पुराने लोकोमोटिव्स में शौचालय लगाने के लिए रेट्रोफिटिंग की जा रही है. इसके लिए डिजाइन में संशोधन भी किया गया है. जिन मार्गों पर भारी ट्रैफिक रहता है, वहां नये रनिंग रूम बनाये जा रहे हैं. इन प्रयासों से लोको पायलटो के वर्किंग आवर्स में उल्लेखनीय कमी आयी है. कोहरे में सुरक्षा के लिए फॉग- सेफ्टी उपकरण, कवच, ड्राइवर अलर्ट सिस्टम और इंप्रूव्ड ब्रेकिंग सिस्टम जैसी तकनीकों से रेलवे सेफ्टी बेहतर हुई है और लोको पायलट्स को भी इससे काफी लाभ हुआ है. ऑनबोर्ड सुविधाएं, उन्नत तकनीक और रेस्ट के लिए पर्याप्त समय से लोको पायलट्स के कार्य के माहौल में में लगातार बेहतरी हुई है.
मालगाड़ी, उपनगरीय ट्रेनों और पैसेंजर एवं मेल एक्सप्रेस गाड़ियों का परिचालन करने वाले लोको पायलटों को टॉयलेट ब्रेक दिया जाता है. मालगाड़ियां कई स्टेशनों और यार्ड में रुकती हैं. इन स्टेशनों पर पर्याप्त समय होता है जिससे कर्मचारी शौचालय का उपयोग कर सकते हैं. साथ ही यह समय नाश्ते के लिए भी उपयोग में लाया जा सकता है.
सबर्बन तथा मेट्रो ट्रेनों का परिचालन अल्प दूरी के लिए किया जाता है और इनके चालक दल टर्मिनल स्टेशनों पर शौचालय का उपयोग करते हैं. पैसेंजर ट्रेनों पर कार्यरत कर्मचारी स्टेशन पर ट्रेन के खड़े रहने के दौरान ट्रेन के शौचालय का उपयोग करते हैं और इस समय का उपयोग नाश्ते के लिए भी करते हैं. स्टेशन के कर्मचारी लोको पायलटों को सदैव सहयोग देते हैं. लोको पायलटो को वॉकी टॉकी की सुविधा भी दी गयी है. इसके द्वारा वह स्टेशन कर्मचारियों के संपर्क में रहते हैं.
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