कोलकाता.
राज्य में करोड़ों रुपये के बालू तस्करी रैकेट मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जांच में अहम तथ्य मिले हैं. सूत्रों की मानें, तो ईडी की जांच के दायरे में दो व्यवसायियों की संपत्तियां भी हैं. दोनों व्यवसायियों की आर्थिक स्थिति पिछले कुछ वर्षों में ही आसमान छूने लगी. बताया जा रहा है कि सोमवार और मंगलवार को राज्यभर में ईडी द्वारा चलाये गये अभियान में यह जानकारी सामने आयी है. इनमें से एक व्यवसायी पर आरोप है कि वह झाड़ग्राम के गोपीबल्लभपुर क्षेत्र में सुवर्णरेखा नदी के किनारे से अपना धंधा चला रहा था. कभी वह थाने में अस्थायी ‘विलेज पुलिस’ के रूप में काम करता था, लेकिन जाली प्रमाणपत्र देने के कारण नौकरी से बर्खास्त हो गया. इस बीच, उसने स्थानीय राजनीतिक रसूखदारों से गहरे संबंध बना लिये. आरोप है कि थोड़े समय तक छोटे-मोटे काम (जैसे साइकिल मैकेनिक) करने के बाद उसने बालू खनन व कारोबार का धंधा शुरू किया और देखते-देखते उसकी संपत्ति में भारी इजाफा हुआ. ईडी को उसके घर से करीब 25 लाख रुपये नकद और कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं. दूसरे व्यवसायी पर पश्चिम मेदिनीपुर जिले के बसंतपुर इलाके से अपना नेटवर्क चलाने का आरोप है. स्थानीय लोगों के अनुसार, उसने करियर की शुरुआत छोटे-मोटे सरकारी ठेकेदार के तौर पर की थी. इस दौरान उसने भी राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लोगों से नजदीकियां बढ़ायीं. आरोप है कि कुछ साल पहले उसने बालू तस्करी का कारोबार शुरू किया और उसके बाद से उसकी संपत्ति तेजी से बढ़ने लगीं.सूत्रों की मानें, तो दोनों व्यवसायियों के कुछ करीबियों से ईडी के अधिकारी जल्द पूछताछ कर सकते हैं.
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