कोलकाता.
दुर्गापूजा से ठीक पहले हुई बारिश और उसके साथ ही दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) द्वारा अपने बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण राज्य में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. बताया गया है कि डीवीसी के मैथन और पंचेत बांध से कुल 49 हजार 451 क्यूसेक पानी छोड़ा, जिससे राज्य में आपदा की आशंका बढ़ गयी है.राज्य के सिंचाई मंत्री मानस भुइयां ने इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि पूजा के समय पर डीवीसी अपने बांधों से पानी छोड़ कर बंगाल को संकट में डालना चाह रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कई बार आपत्ति जतायी है, लेकिन उनकी बातों को नजरअंदाज किया जा रहा है.झारखंड के तेनुघाट बांध से भी भारी बारिश के कारण पानी छोड़ा गया है, जो धीरे-धीरे पंचेत की ओर बढ़ रहा है. डीवीसी अधिकारियों का कहना है कि मैथन से 24 हजार और पंचेत से 26 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. मैथन बांध में जलस्तर 481.63 फीट और पंचेत में 410.01 फीट तक पहुंच चुका है, जो खतरनाक माने जाते हैं.
बताया गया है कि महालया के दिन बारिश होगी और पूजा के समय भी निम्न दबाव के कारण भारी वर्षा की आशंका है, इसलिए स्थिति को ध्यान में रखकर ही जल छोड़ने का निर्णय लिया गया. पिछले वर्ष भी 17 और 18 सितंबर को डीवीसी ने ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़ा था, जिससे बंगाल के कई इलाके जलमग्न हो गये थे. उस समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो पत्र लिखकर शिकायत दर्ज करायी थी.सिंचाई मंत्री मानस भुइयां ने लगाया साजिश का आरोप
सिंचाई मंत्री मानस भुइयां ने आरोप लगाया कि यह सब सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हाल ही में झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल की संयुक्त बैठक में डीवीसी को ऐसा कदम न उठाने की सलाह दी गयी थी. फिर भी इसे नजरअंदाज कर पानी छोड़ा गया. इस पूरे विवाद पर डीवीसी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

