प्रतिनिधि, हुगली.
डोमजूर के पूर्व विधायक राजीव बनर्जी रविवार को श्रीरामपुर के सांसद कल्याण बनर्जी के घर पहुंचे, जहां दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई. राजीव बनर्जी ने इस मुलाकात को सौजन्य भेंट बताया, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसे तृणमूल के अंदर बदलते समीकरणों से जोड़ कर देखा जा रहा है.
भाजपा से लौटे राजीव के खिलाफ पार्टी में था असंतोष : 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले राजीव बनर्जी तृणमूल छोड़ कर भाजपा में चले गये थे. उनके साथ हुगली के प्रबीर घोषाल समेत कई अन्य विधायक भी भाजपा में शामिल हुए थे. लेकिन चुनाव में राजीव और प्रबीर दोनों पराजित हुए. इसके बाद राजीव की वापसी हुई, लेकिन डोमजूर में उनके खिलाफ पोस्टरबाजी और विरोध प्रदर्शन जारी रहा. कल्याण बनर्जी ने भी खुलकर नाराजगी जतायी थी. दोनों के बीच राजनीतिक दूरी बन गयी थी.
त्रिपुरा भेजे गये राजीव, लोकसभा चुनाव के बाद बदला समीकरण
हालांकि, राजीव की तृणमूल में वापसी के बावजूद कल्याण बनर्जी ने उन्हें तवज्जो नहीं दी. पार्टी ने भी उन्हें डोमजूर में सक्रिय करने के बजाय त्रिपुरा भेज दिया. इस दौरान 2024 का लोकसभा चुनाव भी बीत गया, लेकिन कल्याण और राजीव कभी एक मंच पर नजर नहीं आये. इस बीच, रविवार को जब राजीव, कल्याण के घर पहुंचे, तो उन्होंने कहा : मेरे भाजपा में जाने के कारण दादा (कल्याण बनर्जी) आहत हुए. इससे हमारे बीच दूरी आ गयी थी. लेकिन जब श्रीरामपुर आया, तो सोचा कि दादा से मिलना चाहिए. भाई-भाई के रिश्ते में प्यार के साथ-साथ नाराजगी और शिकायत भी होती है. लेकिन आज जब दादा ने गले लगाया, तो बहुत अच्छा लगा.
कल्याण बोले : भूल को स्वीकारना बड़ी बात : कल्याण बनर्जी ने कहा : राजीव काफी पहले ही पार्टी में लौट चुके हैं. वह मेरे पास आये और बोले : दादा, भूल हो गयी, माफ कर दो. अब 2026 का चुनाव सामने है. हम सभी को साथ लेकर चलना होगा. जब वह आज खुद मेरे पास आये, तो यह मेरे लिए बड़ी बात है.
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