भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषियों पर हो रहे कथित अत्याचार के खिलाफ हावड़ा में रैली
संवाददाता, हावड़ानबान्न अभियान के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प होने की घटना को लेकर खाद्य प्रसंस्करण मंत्री अरूप राय ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि नबान्न अभियान का मकसद ठीक नहीं था. उन्होंने पुलिस की तारीफ करते हुए कहा कि कोलकाता व हावड़ा पुलिस ने काफी संयम से काम लिया. पुलिसकर्मियों ने न ही गोलियां चलायीं और न ही लाठी लेकर किसी को खदेड़ा. श्री राय ने कहा कि हमलोगों ने 34 साल का वाममोर्चा का शासनकाल देखा है. वाममोर्चा के शासनकाल में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की बर्बरता अब भी लोगों को याद है. मालूम रहे कि रविवार सुबह भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषियों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ श्री राय के नेतृत्व में बेजपुकुर से हावड़ा मैदान तक गैर-राजनीतिक रैली निकाली गयी थी. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला बोलने वाले लोगों पर अत्याचार हो रहा है. भाजपा के नेता यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि बांग्ला कोई भाषा नहीं है. उन नेताओं को इस बात की जानकारी नहीं है कि देश को आजादी दिलाने में बंगाल का अहम योगदान रहा है. बंगाल देश की सांस्कृतिक राजधानी है. इस रैली में सुशोभन चटर्जी, कैलाश मिश्रा सहित अन्य उपस्थित थे.
दोषियों को अब तक नहीं मिली सजा : तृणमूल विधायक
कोलकाता. आरजी कर की घटना के एक साल गुजर गये. आज भी सैकड़ों लोग न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर उतर रहे हैं. अभिनेता व तृणमूल विधायक चिरंजीत चक्रवर्ती ने इस घटना की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि दुष्कर्म व हत्या के असली अपराधी पकड़े नहीं गये हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार क्या कर रही है? उन्होंने नबान्न अभियान में मृतका की मां को लगी चोट पर भी चिंता व्यक्त की. रविवार को चिरंजीत ने इस संबंध में कहा : यह स्पष्ट नहीं है कि यह किसने किया. जो लोग उन्हें ले गये, उन्हें सुरक्षा दी जानी चाहिए थी. मुझे बहुत दुख है, मुझे सदमा लगा है कि उन्हें चोट लगी. यह बिल्कुल उचित नहीं था. मुझे नहीं लगता कि दोषियों को अभी तक सजा मिली है. सीबीआइ आंखें मूंदे बैठी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

