संवाददाता, कोलकाता
राष्ट्रपति कार्यालय से भाजपा महासचिव जगन्नाथ चटर्जी के नाम से भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए एक पत्र आया है. पत्र में नबान्न को घटना की जांच करने का निर्देश दिया गया है. अब जगन्नाथ के करीबी लोगों ने इस पत्र की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया है. उनका दावा है कि यह पत्र सही नहीं है. नबान्न ने आधिकारिक तौर पर पत्र मिलने की बात स्वीकार नहीं की है. हालांकि जगन्नाथ ने खुद इस संबंध में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है, लेकिन उनके करीबी दावा कर रहे हैं कि राष्ट्रपति की ओर से ऐसे ईमेल नहीं जाते हैं. भाजपा नेता के करीबी लोगों का दावा है कि पूरा ईमेल फर्जी है. दरअसल, खबर आयी कि राष्ट्रपति कार्यालय ने नबान्न को एक पत्र भेजा है, जिसमें भाजपा नेता जगन्नाथ के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है. उन पर बेनामी संपत्ति का लेन-देन करने का आरोप है. पता चला है कि उदय सिंह नामक व्यक्ति ने जगन्नाथ की संपत्ति के बारे में ईडी-सीबीआइ कार्यालय में शिकायत की थी. इस घटना के बारे में जगन्नाथ ने कहा, ‘यह झूठा आरोप है. मेरे पास कोई अवैध संपत्ति नहीं है. कोई भी बाहरी आय नहीं है. यह सब करके उन्हें रोका नहीं जा सकता है.’
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