कोलकाता. बड़ाबाजार स्थित एक होटल में आग की घटना की जांच में कई विसंगतियां पायी गयी हैं. बुधवार को दमकल विभाग के डीजी रणवीर कुमार ने घटनास्थल का दौरा किया. उन्होंने बताया कि इस होटल के फायर लाइसेंस की मियाद तीन साल पहले ही खत्म हो गयी थी. उसके बाद होटल मालिक ने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराया. होटल में अग्निशमन की व्यवस्था होने के बावजूद अग्निकांड के समय उपकरणों ने काम नहीं किया. प्राथमिक अनुमान यही है कि अग्निशमन व्यवस्था का अभाव था. होटल में जब आग लगी थी, उस समय फायर अलार्म भी नहीं बजा था. प्राथमिक जांच में दमकल विभाग का कहना है कि आग से नहीं, धुएं से दम घुटने से 13 लोगों की मौत हुई है. होटल की दूसरी मंजिल पर निर्माण कार्य चल रहा था. इसी मंजिल से आग व धुआं फैला था. आग की लपटें ऊपर की ओर उठने के कारण तीसरी व चौथी मंजिल से लोग नहीं उतर नहीं पाये. यह भी सवाल उठ रहा है कि सेंट्रल एसी की व्यवस्था नहीं थी, इसके बावजूद ज्यादातर खिड़कियां बंद क्यों थीं. कई खिड़कियों को ईंट व सीमेंट से बंद कर दिया गया था. इसके पीछे क्या कारण है. जरूरी अनुमति ली गयी थी कि नहीं, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है . वहां के लोग बता रहे हैं कि होटल के एक हिस्से में एक और सीढ़ी थी. जब आग लगी थी, उस समय वह शटर से बंद रखा गया था. हालांकि बाद में उसे खोला गया था. जानकारी के मुताबिक शादी विवाह के लिए होटल को किराये पर दिया जाता था.
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