कोलकाता/नयी दिल्ली. तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन ने शुक्रवार को कहा कि अंग्रेजी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि एकता का सूत्र और लाखों भारतीयों के लिए सुलभता, अवसर और उन्नति का साधन है. उन्होंने अपने एक ब्लॉगपोस्ट में इस बात पर जोर दिया कि भारत में 21 भाषाएं और 19,500 बोलियां हैं और अंग्रेजी बोलने से कोई कम भारतीय नहीं हो जाता. बल्कि यह भारतीयों को वैश्वीकृत दुनिया में अधिक तैयार और अधिक जुड़ा हुआ बनाती है.
राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता ओब्रायन ने कहा कि अंग्रेजी और इसकी समानता लाने वाली क्षमता को खारिज करना उन भारतीयों के संघर्षों और आकांक्षाओं को खारिज करना है, जिन्हें ऐतिहासिक रूप से अदृश्य रखा गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अंग्रेजी पर की गयी टिप्पणियों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में अंग्रेजी सिर्फ एक भाषा ही नहीं है, यह एकता का सूत्र है. उन्होंने कहा कि लाखों भारतीय जो हाशिये पर अपना जीवन जीने को मजबूर हैं, उनके लिए अंग्रेजी एक ऐसा साधन है जो सुलभता, अवसर और उन्नति का वादा करता है. ओब्रायन ने यह भी बताया कि हमारे पूरे इतिहास में अंग्रेजी एक सहयोगी रही है, जिसका उपयोग उपनिवेशवाद से लड़ने, संस्थानों का निर्माण करने और भारत को दुनिया से जोड़ने के लिए एक साधन के रूप में किया गया है.
अमित शाह का भारतीय भाषाओं पर जोर ः केंद्र सरकार के राजभाषा विभाग के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने गत गुरुवार को कहा था कि अतीत में भाषा का इस्तेमाल भारत को विभाजित करने के साधन के रूप में किया गया था. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि भारतीय भाषाएं देश को एकजुट करने का एक सशक्त माध्यम बनें.
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