कोलकाता.
महानगर सहित पूरे राज्य में आग की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार विशेष नीति बनाना चाहती है. इस नीति के जरिये राज्य सरकार कई नये दिशानिर्देश भी जारी करेगी, जिसका पालन करना आवासनों व वाणिज्यिक संस्थानों के लिए अनिवार्य होगा. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में आग की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए अग्निशमन व्यवस्था की निगरानी के लिए 15 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. बुधवार को उक्त टास्क फोर्स की पहली बैठक हुई. बैठक के दौरान ही आग की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए विशेष नीति बनाने पर जोर दिया गया. बैठक में कौन-कौन रहे मौजूद : बुधवार को कोलकाता नगर निगम में हुई बैठक में मेयर व शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम, आवासन मंत्री अरूप विश्वास, अग्निशमन व आपातकालीन सेवाओं के मंत्री सुजीत बोस, पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री प्रदीप मजूमदार, आपदा प्रबंधन मंत्री जावेद अहमद खान, एडीजी कानून-व्यवस्था जावेद शमीम, कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा, डीजी अग्निशमन रणबीर कुमार, कोलकाता नगर निगम के आयुक्त धवल जैन व संबंधित विभागों के सचिव शामिल रहे.फिरहाद हकीम ने कहा कि जिला स्तर पर गठित समितियों की रिपोर्ट को मिलाकर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार कर कैबिनेट की बैठक में पेश की जायेगी. उन्होंने कहा कि अग्नि सुरक्षा ऑडिट का काम बहुत जल्द शुरू होगा और इसके माध्यम से समग्र स्थिति की समीक्षा की जायेगी. फिरहाद हकीम ने बुधवार को स्पष्ट किया कि छत पर बने रूफटॉप रेस्टोरेंट या कैफे के
30 दिनों में तैयार होगा विशेष नीति का मसौदा
बैठक के बाद मेयर फिरहाद हकीम व टास्क फोर्स के सदस्य पांच मंत्रियों ने संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. इस मौके पर मेयर व मंत्री और टास्क फोर्स के अध्यक्ष फिरहाद हकीम ने कहा कि टास्क फोर्स मिल कर अग्निशमन पर एक विशेष नीति बनायेगी और नीति की रूपरेखा तैयार करने के बाद दूसरी बैठक होगी. बैठक के बाद मिनट्स तैयार किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि टास्क फोर्स अगले 30 दिनों के अंदर नीति का मसौदा तैयार कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समक्ष कैबिनेट बैठक में पेश करेगी. फिरहाद ने कहा कि अग्निशमन व्यवस्था में फायर ऑडिट महत्वपूर्ण है, इसलिए महानगर सहित राज्य भर में आवासन, वाणिज्यिक और औद्योगिक संस्थानों का फायर ऑडिट किया जायेगा. राज्य सरकार के अग्निशमन विभाग के साथ-साथ थर्ड पार्टी के माध्यम से फायर ऑडिट किया जायेगा और इसके जरिये अग्नि सुरक्षा प्रबंधन दुरुस्त किया जायेगा. मंत्री ने कहा कि इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग, पंचायत और आवासन विभाग से लेकर हर विभाग अग्निशमन विभाग के साथ मिलकर काम करेगा. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में हुए विकास के कारण पंचायती इलाके अब सेमी-अर्बन क्षेत्र बन गये हैं. लिए खास तौर पर जो एसओपी तैयार किया गया है, उसका पूरी तरह से पालन किया जायेगा. इसमें किसी भी प्रकार का लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी.
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