कोलकाता.
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री द्वारा पितृ पक्ष में दुर्गापूजा पंडालों के उद्घाटन पर सवाल उठाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि ममता हिंदू आस्था से खिलवाड़ कर रही हैं. यह हिंदू आस्था पर आघात है. श्री अधिकारी ने कहा कि मुस्लिमों को खुश करने के लिए ममता बनर्जी ऐसा कर रही हैं. श्री अधिकारी ने सोशल मीडिया एक्स के माध्यम से कहा कि एक बार फिर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर जानबूझकर हमारे सदियों पुराने हिंदू रीति-रिवाजों और भावनाओं को अपनी संकीर्ण वोट बैंक की राजनीति के लिए नुकसान पहुंचा रही हैं.””पितृ पक्ष”” के आखिरी दिन, हिंदू कैलेंडर में 15 चंद्र दिवसों की अवधि हमारे पूर्वजों के सम्मान और आदर के लिए समर्पित है, एक ऐसा समय जिसे आमतौर पर कुछ भी नया शुरू करने के लिए अशुभ माना जाता है और यहां की मुख्यमंत्री महालया से ठीक पहले दुर्गा पूजा पंडालों का उद्घाटन करती हैं. यह अज्ञानता नहीं है, बल्कि यह सोची-समझी दुर्भावना है.श्री अधिकारी ने आगे कहा कि हमारे शास्त्र और परंपराएं बिल्कुल स्पष्ट हैं. इस दौरान कोई नयी शुरुआत नहीं की जाती. कोई उत्सव नहीं होता, क्योंकि यह अशुभता को आमंत्रित करता है. महालया, मां दुर्गा के आह्वान का प्रतीक है, जो शुभ शारदीय की सच्ची संवाहक हैं, लेकिन ममता बनर्जी इंतजार नहीं कर सकतीं. उन्हें इस उत्सव का भी राजनीतिक लाभ उठाना है. इसलिए उनके लिए पूजा सिर्फ एक निजी पीआर स्टंट बन कर रहा गया है.
धार्मिक उत्सव को सीएम ने बना दिया कल्चरल प्रोग्राम : शमिकवहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद शमिक भट्टाचार्य ने तृणमूल सुप्रीमो पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने धार्मिक व आस्था के उत्सव को कल्चरल प्रोग्राम बना दिया है. ममता बनर्जी अपने आप को सभी के ऊपर मानती हैं. इसलिए शुभ मुहूर्त व पंजिका का भी वह ध्यान नहीं रखती हैं. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि मां दुर्गा की इतनी लोकप्रियता को तृणमूल कांग्रेस की वजह से ही तो है, नहीं लोग कहां दुर्गापूजा के बारे में जानते थे.
पहले भी पितृ पक्ष में मुख्यमंत्री कर चुकी हैं पूजा मंडपों का उद्घाटनगौरतलब है कि ममता बनर्जी ने कुछ साल पहले भी पितृ पक्ष में दुर्गा पूजा पंडालों का उद्घाटन किया था, जिसको लेकर मुख्य विपक्षी भाजपा ने सवाल उठाया था. पिछले साल मुख्यमंत्री ने महालया से दुर्गापूजा पंडालों के उद्घाटन की शुरुआत की थी. महालया से ही देवी पक्ष की शुरुआत होती है.
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