कोलकाता.
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर चुनावी प्रक्रिया में धांधली और पक्षपात करने का गंभीर आरोप लगाया है. गुरुवार को माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने दावा किया कि उत्तर 24 परगना जिले की हासनाबाद ग्राम पंचायत के तृणमूल अंचल अध्यक्ष रमेश चंद्र दास को बूथ संख्या 20 का बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) नियुक्त किया गया है. शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि रमेश चंद्र दास केवल अस्थायी सहायक शिक्षक हैं. इसके बावजूद उन्हें यह जिम्मेदारी दी गयी, जबकि उसी बूथ पर अन्य योग्य शिक्षकों को जान-बूझकर नजरअंदाज कर दिया गया. अधिकारी के अनुसार, यह नियुक्ति साफ तौर पर राजनीतिक पक्षपात को दर्शाता है. उन्होंने लिखा : यह कोई अलग-थलग घटना नहीं है, बल्कि तृणमूल का सुनियोजित प्रयास है कि पार्टी वफादारों को बीएलओ बनाकर चुनावी प्रक्रिया पर कब्जा किया जाये. यह कदम स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की पवित्रता को धक्का पहुंचता है और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर जनता का भरोसा कम करता है.शुभेंदु अधिकारी ने चुनाव आयोग से मामले को तुरंत संज्ञान में लेने की अपील की है. उन्होंने मांग की कि इस तरह की नियुक्तियों को रद्द किया जाये और केवल निष्पक्ष व योग्य लोगों को ही बीएलओ नियुक्त किया जाये, ताकि चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता बनी रहे.
उद्योगाें की प्रोत्साहन योजना को रद्द करना विनाशकारी व असंवैधानिकविधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि राज्य में उद्योग प्रोत्साहन योजना को रद्द कर तृणमूल कांग्रेस सरकार ने साबित कर दिया कि वह यहां औद्योगिकीकरण नहीं चाहती. विश्व बांग्ला सम्मेलन कर निवेशकों को आकर्षित करने का दावा सिर्फ छलावा है. वास्तव में राज्य की नीतियां औद्योगिक विकास के विपरीत हैं. श्री अधिकारी ने कहा कि भाजपा विधायकों के कड़े विरोध के बावजूद यह विधेयक मार्च 2025 में तृणमूल कांग्रेस के बहुमत के कारण पारित हो गया. तृणमूल कांग्रेस का अहंकार हावी हो गया और उन्होंने बेशर्मी से सभी उद्योग प्रोत्साहनों को खत्म कर दिया. उन्होंने दावा किया कि उद्योगपतियों ने इस मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख करके सही किया है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल से बचे-खुचे उद्योगों को खदेड़ना एक सोची-समझी भूल है. ममता बनर्जी की सरकार हमारे राज्य को औद्योगिक कब्रिस्तान में बदल रही है. उन व्यवसायों के साथ विश्वासघात कर रही है, जिन्होंने पश्चिम बंगाल पर भरोसा किया और हमारे लोगों के लिए रोजगार पैदा किये. तृणमूल कांग्रेस निवेशकों को डरा रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि हमारे युवा बेरोजगार रहें. यह शासन नहीं, बल्कि आर्थिक अराजक जैसी स्थिति है.
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