आरोपियों में से तीन महाराष्ट्र व तीन कोलकाता से किये गये गिरफ्तार
संवाददाता, कोलकाता.
कोलकाता पुलिस की गुप्तचर शाखा ने पार्क स्ट्रीट के एक व्यवसायी से करीब 50 लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में छह लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने एक नामी प्लाईवुड कंपनी का डीपी लगे व्हाट्सएप नंबर से कॉल करके झांसा दिया था. आरोपियों में से तीन को महाराष्ट्र के नालासोपारा और तीन को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया है. उनके ठिकानों से करीब 25 लाख रुपये (24,90,440 रुपये), दो मोबाइल फोन, तीन सिम कार्ड, एक लगेज बैग, एक आधार कार्ड, अलग-अलग बैंकों के दो चेक बुक और एक मनी काउंटिंग मशीन जब्त की गयी है. महाराष्ट्र से गिरफ्तार किये गये आरोपियों के नाम सचिन मनोहर प्रसाद (32), वकाब मोहम्मद जावेद चंडीवाला (28) और रियाज रजी सैयद (36) हैं. कोलकाता से पवन साव उर्फ स्वीट (36), महेंद्र पाल सिंह (39) और चेतन सिंह दहिया (40) को गिरफ्तार किया गया.
महेंद्र के पोलक स्ट्रीट ठिकाने से ठगी की गयी राशि में से करीब 25 लाख रुपये नकद बरामद किये गये. पुलिस के अनुसार, चार मार्च को अंकित भाटिया नामक एक व्यवसायी ने पार्क स्ट्रीट थाने में 50 लाख रुपये की ठगी की शिकायत दर्ज करायी थी. शिकायत में उन्होंने बताया कि उनके एक परिचित व्यक्ति का फोन उनके पिता के पास आया था. फोन पर परिचित व्यक्ति ने उनके पिता से कहा था कि एक नामी प्लाईवुड कंपनी के मालिक का फोन उनके पास आया था और उन्होंने कोलकाता में करीब 50 लाख रुपये की व्यवस्था कराने को कहा है. उन्होंने यह भी बताया कि नामी प्लाईवुड कंपनी का डीपी लगे व्हाट्सएप नंबर से कॉल आया था. उसके बाद पीड़ित व्यवसायी ने प्लाईवुड कंपनी के मालिक के प्रतिनिधियों को पार्क स्ट्रीट में भेजने को कहा. गिरफ्तार आरोपियों में से वकाब मोहम्मद जावेद चंडीवाला और रियाज रजी सैयद व्यवसायी के ठिकाने पर पहुंचे, जहां उन्हें 50 लाख रुपये नकद मिले. बाद में व्यवसायी को पता चला कि प्लाईवुड कंपनी के मालिक ने रुपये नहीं मंगवाए थे. ठगे जाने का एहसास होने के बाद व्यवसायी ने थाने में शिकायत दर्ज करायी.
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 61(2), 318(4), 336(3), 338, 340(2) के तहत शिकायत दर्ज कर जांच शुरू की. बाद में मामले की तफ्तीश कोलकाता पुलिस की गुप्तचर शाखा करने लगा. पुलिस ने व्यवसायी के ठिकाने पर लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग की जांच करने, तफ्तीश के दौरान प्राप्त तकनीकी विश्लेषण और गोपनीय जानकारी के आधार पर तीन आरोपियों को नालासोपारा से गिरफ्तार किया. उनसे पूछताछ के बाद अन्य तीन आरोपियों का भी पता चला और उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपियों को अदालत में पेश करने पर उन्हें 25 मार्च तक पुलिस हिरासत में रखे जाने का निर्देश दिया गया है.
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