कोलकाता. चुनाव आयोग के स्पष्ट निर्देश के बावजूद दक्षिण 24 परगना के बारुईपुर के मल्लिकपुर पंचायत क्षेत्र में दुआरे सरकार योजना की तर्ज पर एसआइआर कैंप लगाये जाने को लेकर विवाद छिड़ गया है. आयोग ने पहले ही साफ किया था कि मतदाता सूची से जुड़ा कोई भी फॉर्म कहीं से भी या किसी अस्थायी कैंप से वितरित नहीं किया जा सकता. इसके बावजूद पंचायत क्षेत्र में ऐसे कैंप आयोजित किये जाने के आरोप पर सवाल उठ रहे हैं. स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इन कैंपों में बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) स्वयं फॉर्म बांटते नजर आये, जबकि उनका दायित्व घर-घर जाकर मतदाताओं को फॉर्म देना है. आरोप है कि इन कैंपों में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता बीएलओ के साथ मैन मार्किंग कर रहे हैं. विरोधी दलों ने चुनाव आयोग से तुरंत ऐसे कैंप बंद करने की मांग की है. उनका आरोप है कि यह मतदाता सूची को प्रभावित करने की कोशिश है और प्रशासन इसे लेकर उदासीन है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बीएलओ त्रिदीब सरकार ने कहा : हम घर-घर जाकर मतदाताओं से मिले, लेकिन कई जगह लोग नहीं मिले. उसके बाद बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) ने हमारी मदद की और कैंप आयोजित किया गया. यहां आने वाले प्रत्येक मतदाता को एन्यूमरेशन फॉर्म दिया जा रहा है. उन्होंने कहा : कैंप के जरिये काम में काफी सुविधा हो रही है. हर मतदाता को लाभ मिल रहा है. वहीं, तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय सदस्यों ने भी बीएलओ की इस दलील का समर्थन किया है. उनका कहना है कि यह पहल प्रशासनिक सहूलियत के लिए की गयी है, जबकि विपक्ष इसे चुनावी लाभ का माध्यम बता रहा है.
इस पूरे घटनाक्रम पर अभी तक चुनाव आयोग की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आयी है.
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