11.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

भारत में गहरी हैं सनातन धर्म की जड़ें : स्वामी निश्चलानंद

भारत में नेपाल या दूसरे देशों जैसी अराजकता नहीं पैदा हो सकती.

आसनसोल. भारत में सनातन धर्म की जड़ें गहरी हैं. सनातन धर्म के प्रति यहां के लोगों में अटूट आस्था है. यहां के शासक-प्रशासक भी धर्म के शासन में रहते हैं. प्रत्यक्ष हो या परोक्ष, पर शासन पर धर्म का प्रभाव रहता है. इस देश में धर्म की जड़ें बहुत गहरी होने के चलते उन्हें आसानी से हिलाया नहीं जा सकता. इसी से यह देश काफी सुदृढ़ बना हुआ है. भारत में नेपाल या दूसरे देशों जैसी अराजकता नहीं पैदा हो सकती. ये बातें 11 दिवसीय यात्रा के तहत आसनसोल पहुंचे पुरी शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने यहां आनंदम रेजीडेंसी में एक विशेष सत्र में चल रहे संवाद के बीच कहीं. वे कोलकाता से आये मिथिला विकास परिषद के अध्यक्ष अशोक झा के एक प्रश्न को संबोधित करते हुए बोल रहे थे. उल्लेखनीय है कि श्री झा ने हाल में पड़ोसी देश नेपाल में हुए राजनीतिक उथल-पुथल का भारत पर संभावित प्रभाव को लेकर पुरी शंकराचार्य के समक्ष एक प्रश्न प्रस्तुत किया था. पुरी शंकराचार्य ने अन्य प्रश्नों के जवाब के क्रम में कहा कि विभिन्न कारणों से शासन के साथ उनका द्वंद्व लगा रहता है. उन्होंने यह भी कहा कि शासन और शंकराचार्य के बीच समन्वय की स्थिति बनायी जानी चाहिए. इससे अच्छे काम होंगे और देश की ताकत बढ़ेगी. विभिन्न क्षेत्रों में उत्कर्ष हासिल करते हुए देश आगे की तरफ बढ़ेगा. स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि देश की शासन व्यवस्था तो शंकराचार्य (उन्हें) को ही खतरा मान लेती है. भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय नरसिम्हा राव,अटल बिहारी वाजपेयी तथा नरेंद्र मोदी के साथ भी पुरी शंकराचार्य ने अपना वैचारिक मतभेद बताया. उन्होंने शिकायती अंदाज में कहा कि यहां शासन में रहने वाले लोग शंकराचार्य को ही अपना अनुयायी बना कर शासन चलाना चाहते हैं, जो गलत है.उन्होंने ऐसी मंशा को पिशाच प्रवृत्ति की उपज और अनुचित कहा. पुरी शंकराचार्य ने कहा कि उनकी विद्या शक्तियों का लाभ उठा कर देश में उत्कर्ष के लिए काम करना चाहिए. अर्थशास्त्र के ज्ञान को अपना कर आर्थिक दृष्टि से देश को नये मार्ग पर लेकर जाना चाहिए. पर, ऐसा होता नहीं है. इसके विपरीत शंकराचार्य जैसी विभूतियों को ही दबा कर शासन करने की बात सोची जाती है. उन्होंने कहा कि देवराज इंद्र भी उन्हें दबा नहीं सकते. 11 दिवसीय दर्शन, दीक्षा व प्रवचन कार्यक्रम के तहत यहां पधारे पुरी पीठाधीश्वर ने यहां धर्म सभा स्थल के करीब स्थित एक गौशाला का परिभ्रमण भी किया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel