कोलकाता.
कांग्रेस नेता प्रसेनजीत बोस ने कहा कि अगर निर्वाचन आयोग चुनाव प्रक्रिया के दौरान बिहार में की गयी गलतियों को दोहराता है, तो राहुल गांधी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) विरोधी आंदोलन का नेतृत्व करेंगे. हाल में पार्टी में शामिल हुए अर्थशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता बोस ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पश्चिम बंगाल में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण होने पर, संभवतः आगामी त्योहारी सीजन के बाद, भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों का राजनीतिक पुनर्गठन होगा.श्री बोस ने बताया : लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी बिहार में एसआइआर विरोधी आंदोलन में अग्रणी हैं और इस पक्षपातपूर्ण गतिविधि का उनके द्वारा किया गया खुलासा न केवल कांग्रेस को महत्वपूर्ण राजनीतिक समर्थन प्रदान करेगा, बल्कि समूचे इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ताओं को भी उत्साहित करेगा.
श्री बोस ने कहा इसमें कोई संदेह नहीं कि यदि चुनाव आयोग बिहार के अनुभव से सबक नहीं लेता है, तो वह पश्चिम बंगाल और असम, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में भी यही तरीका अपनायेंगे, जहां अगले साल चुनाव होने हैं. पूर्व वामपंथी नेता ने कहा कि हालांकि तृणमूल कांग्रेस के शासन में भ्रष्टाचार, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अत्याचार व भाजपा शासित राज्यों में बंगाली भाषी प्रवासियों के उत्पीड़न जैसे मुद्दे पश्चिम बंगाल में चुनावी एजेंडे पर हावी रहेंगे. लेकिन प्रक्रिया शुरू होने के बाद एसआइआर के केंद्र में आने की संभावना है.श्री बोस ने कहा : एसआइआर के बाद राजनीतिक विपक्ष का पुनर्गठन, भाजपा का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस द्वारा तृणमूल कांग्रेस से हाथ मिलाने के रूप में सामने आयेगा या नहीं, यह पूरी तरह से यहां की सत्ताधारी व्यवस्था पर निर्भर करेगा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक ने अपनी एकला चलो रे नीति (अकेले चलने की) पर कायम हैं और आप कांग्रेस से सीटों के बंटवारे के लिए भीख मांगने की उम्मीद नहीं कर सकते.
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