संवाददाता, कोलकाता.
दक्षिण 24 परगना के सुंदरबन क्षेत्र में एक बार फिर नदी का बांध टूटने से अफरातफरी मच गयी है. गोसाबा ब्लॉक के अंतर्गत आमतली ग्राम पंचायत के पुंइजली गांव में रायमंगल नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से करीब 200 फीट लंबा मिट्टी का बांध टूट गया. देखते ही देखते ज्वार का खारा पानी खेतों, तालाबों और घरों में घुस गया, जिससे इलाके में बाढ़ जैसे हालात बन गये. करीब 250 से अधिक परिवारों ने गांव छोड़कर अस्थायी राहत शिविरों या रिश्तेदारों के घरों में शरण ली है. ग्रामीणों का कहना है कि पानी इतनी तेजी से गांव में घुसा कि कुछ भी बचाने का मौका नहीं मिला. मछली पालन के लिए बने कई तालाबों में भी नदी का पानी घुस गया, जिससे मत्स्यजीवी भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
एक स्थानीय निवासी ने कहा “सब कुछ पानी में बह गया. हमारे मछली पालन के तालाबों में भी नदी का पानी घुस गया. अगर फिर बारिश हुई तो हम कहां जायेंगे?” बुधवार की रात को भी ज्वार के समय नदी का पानी गांव में घुसता रहा. हालांकि, गुरुवार सुबह भाटा आने पर जलस्तर थोड़ा कम हुआ. इसी का फायदा उठाते हुए सिंचाई विभाग के कर्मियों ने राहत कार्य तेज कर दिया. इस दिन सुबह से ही विभाग ने कई जेसीबी मशीनें तैनात कर दीं और लगभग 300 मीटर लंबा अस्थायी ‘रिंग बांध’ बनाने का काम शुरू कर दिया गया है, ताकि आगे नदी का पानी दोबारा गांव में न घुसे. रिंग बांध एक प्रकार का तटबंध या बांध होता है, जो किसी इलाके को नदी या बाढ़ के पानी से बचाने के लिए नदी के किनारे बनाया जाता है, जिससे पानी आबादी या खेती वाले इलाकों में न आ सके. ये बांध नदियों के कटाव को रोकने और बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम करने में सहायक होते हैं. स्थानीय प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है और प्रभावित परिवारों को सहायता पहुंचायी जा रही है. फिर भी सुंदरबन के लोगों के चेहरों पर भविष्य को लेकर गहरी चिंता साफ झलक रही है.
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