कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने रामकृष्ण मिशन द्वारा संचालित एक कॉलेज में अंग्रेजी के सहायक प्रोफेसर की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें राहत प्रदान की, जिन्हें रामकृष्ण मिशन द्वारा संचालित एक कॉलेज में अंग्रेजी के सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति देने से मना कर दिया गया था, क्योंकि सोशल मीडिया कुछ पोस्ट किये थे. इन्हें कथित रूप से एक विशेष धर्म और रामकृष्ण मिशन की विचारधारा के विरुद्ध देखा गया था. न्यायमूर्ति पार्थ सारथी चटर्जी की पीठ ने कहा कि रामकृष्ण मिशन के संस्थापक स्वामी विवेकानंद ने भिन्न धार्मिक और वैचारिक दृष्टिकोण रखने वालों को स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित किया था. अतः न्यायालय ने कहा कि कॉलेज किसी व्यक्ति को केवल इसलिए संकाय नियुक्ति से वंचित नहीं कर सकता, क्योंकि उसके विचार भिन्न हैं. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने रामकृष्ण मिशन को याचिकाकर्ता, जो अंग्रेजी में सहायक प्रोफेसर हैं, को नियुक्त करने का आदेश दिया.
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