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दूसरे दिन भी बेरोजगार शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन रहा जारी

इस साल सितंबर में हुई नयी परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवारों ने आरोप लगाया है कि जरूरी अंक पाने के बावजूद उनमें से कई को साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया गया है.

कोलकाता, स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर एक के बाद एक मामले दर्ज किये जा रहे हैं. इस बार दर्ज नये मामले में सवाल उठाया गया है कि सरकारी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों या नौकरी चाहने वालों को अनुभव के आधार पर 10 अंक क्यों नहीं मिलने चाहिए? इस मांग को लेकर एसएससी अभ्यर्थियों ने मंगलवार को भी विरोध प्रदर्शन किया. इन अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ाने वाले उम्मीदवारों को यह अंक दिये जाते हैं, तो अंशकालिक शिक्षकों को भी अनुभव के आधार पर भी 10 अंक दिए जाने चाहिए? कई बेरोज़गार शिक्षक मंगलवार को भी प्रदर्शन करते रहे. इस साल सितंबर में हुई नयी परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवारों ने आरोप लगाया है कि जरूरी अंक पाने के बावजूद उनमें से कई को साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया गया है. करुणामयी से विकास भवन तक विरोध मार्च में शामिल कई शिक्षकों ने एसएससी के खिलाफ नाराजगी जतायी. शिक्षक कई शामिल हुए. एसएससी के दलदल में फंसे बंगाल के सैकड़ों सरकारी स्कूल शिक्षक मंगलवार को सड़कों पर उतर आये. उसी दिन ‘योग्य’ और ‘चयनित’ उम्मीदवारों के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हुई. ध्यान रहे, सोमवार से, कोलकाता के उपनगर साल्टलेक उर्फ बिधाननगर का करुणामयी इलाका एक बार फिर रणक्षेत्र में बदल गया. पुलिस आंदोल नकर रहे शिक्षकों पर कड़ी नजर रख रही है. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों पर अमल करते हुए, एसएससी को 31 दिसंबर तक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नयी भर्तियों की प्रक्रिया पूरी करनी है. राज्य सरकार, बंगाल शिक्षा विभाग और एसएससी को सर्वोच्च न्यायालय का स्पष्ट निर्देश था कि किसी भी परिस्थिति में नकद वेतन वाली नौकरी पाने वाले किसी भी दागी उम्मीदवार को नयी सूची में शामिल नहीं किया जा सकता. इस साल सितंबर में आयोजित नयी परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवारों ने आरोप लगाया है कि उनमें से कइयों को आवश्यक अंक, लिखित परीक्षा में 60 में से 60 और शैक्षणिक योग्यता के लिए 10 में से 10 अंक, प्राप्त करने के बावजूद साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया गया. इसी के प्रतिवाद में शिक्षकों ने प्रतिवाद शुरु कर दिया है. इसके अलावा, एसएससी ने शिक्षण अनुभव वाले उम्मीदवारों को 10 अंक अतिरिक्त देने का फैसला किया है. ऐसे शिक्षकों की संख्या लगभग 15,403 है. इस अंतिम श्रेणी के अंकों ने नये उम्मीदवारों में रोष पैदा कर दिया है, जिन्हें अपने अनुभव की कमी के कारण शिक्षण की नौकरी खोने का डर है.

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