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Protest Against Bangladesh: पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे पड़ोसी देश बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर कथित हिंसा से बंगाल में भी लोगों का आक्रोश भड़क उठा है. गुस्साये लोगों ने मंगलवार को बांग्लादेश उप-उच्चायोग के कार्यालय तक मंगलवार को ‘हिंदू हुंकार पदयात्रा’ निकाली. हालांकि, पुलिस ने उन्हें उप-उच्चायोग तक जाने से रोक दिया.
बांग्लादेश उप उच्चायोग के सामने स्थिति नियंत्रण में है. वहां अवैध रूप से इकट्ठा होने की कोशिश करने वालों को हटा दिया गया है. अब तक इलाके में 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन लोगों को एहतियात के तौर पर गिरफ्तार किया गया है. विदेशी राजनयिक कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और परिसर के घेराव के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए उप-उच्चायोग कार्यालय के पास बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं.
कोलकाता पुलिस
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प, लाठीचार्ज
सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शानकारियों को रोका, तो पुलिस और प्रदर्शनकारियों की बीच झड़प हो गयी. बांग्लादेश उप उच्चायोग कार्यालय के करीब पहुंचने की कोशिश में प्रदर्शनकारियों ने कई बैरिकेड तोड़ दिये. पुलिस ने भीड़ को उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया. कम से कम 19 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है. झड़प में कई प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों को मामूली चोटें आयीं हैं. इस दौरान पदयात्रा में भगवा झंडा थामे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

‘बंगीय हिंदू जागरण’ ने निकाली ‘हिंदू हुंकार पदयात्रा’
‘बंगीय हिंदू जागरण’ के बैनर तले ‘हिंदू हुंकार पदयात्रा’ निकाली गयी थी. पदयात्रा सियालदह से शुरू हुआ और बांग्लादेश उप-उच्चायोग कार्यालय की ओर बढ़ रहा था. उप-उच्चायोग के कार्यालय पहुंचने के पहले ही बेकबागन इलाके में पुलिस ने इसे रोक दिया. इससे पदयात्रा निकाल रहे लोगों का गुस्सा और भड़क उठा. उन्होंने बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की तस्वीर को जलाकर अपना विरोध जताया.

Protest Against Bangladesh: दीपूचंद्र दास की हत्या मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग
प्रदर्शनकारियों ने ‘हिंदू-हिंदू, भाई-भाई’, ‘बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा’ सुनिश्चित करने संबंधी नारे लगाये. बांग्लादेश में 18 दिसंबर को कपड़े की एक फैक्ट्री में काम करने वाले 25 वर्षीय दीपूचंद्र दास को मैमनसिंह के बालुका में ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था. बाद में पेट्रोल डालकर उसे जला दिया था.
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बांग्लादेश उप-उच्चायोग कार्यालय की सुरक्षा कड़ी
प्रदर्शनकारियों ने दीपूचंद्र दास की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की. उधर, प्रशासन ने बांग्लादेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल में लोगों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए कोलकाता में बांग्लादेश के उप-उच्चायोग कार्यालय के पास भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया है.
बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या करने वालों को संरक्षक की भूमिका निभा रही बंगाल पुलिस – प्रदर्शनकारी
इस दौरान एक प्रदर्शनकारी ने आरोप लगाया कि बंगाल की पुलिस ऐसे बर्ताव कर रही है, जैसे वह बांग्लादेश में हमारे भाइयों को पीट-पीटकर मारने वालों को संरक्षण देना चाहती हो. इस साल की शुरुआत में मुर्शिदाबाद में भीड़ द्वारा हिंदुओं को पीट-पीटकर मार डालने के दौरान पुलिस ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने में ऐसी तत्परता नहीं दिखायी थी.
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