स्टेट हेल्थ यूनिवर्सिटी में मेडिकल एलाइड साइंस कोर्स के लिए काउंसलिंग का मामला
गुरुवार को अदालत में सुनवाई के दौरान वर्चुअल माध्यम से पेश होने का दिया निर्देश
कोलकाता. पश्चिम बंगाल के स्टेट हेल्थ यूनिवर्सिटी के अंतर्गत मेडिकल एलाइड साइंस कोर्स के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा में ओबीसी उम्मीदवारों की काउंसलिंग अटकी हुई है. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस समस्या को दूर करने के बाद काउंसलिंग शुरू करने का आदेश दिया था, लेकिन अब तक अदालत के आदेश पर अमल नहीं हुआ है. अब कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश कौशिक चंद ने मामले में राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को तलब किया है और उनको सुनवाई के दौरान वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है. कलकत्ता हाइकोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग से पूछा है कि मेडिकल एलाइड साइंस कोर्स के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा में प्रवेश के लिए काउंसलिंग क्यों रूकी हुई है. न्यायमूर्ति कौशिक चंदा ने उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को गुरुवार सुबह वर्चुअल माध्यम से उपस्थित होकर अदालत के सवालों का जवाब देने का आदेश दिया. उच्च न्यायालय ने पहले ही राज्य और संयुक्त प्रवेश बोर्ड को अदालत का आदेश का पालन नहीं करने पर चेतावनी दी है. गौरतलब है कि न्यायमूर्ति कौशिक चंदा ने मई में मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को 2010 की ओबीसी सूची के अनुसार काउंसलिंग का आदेश दिया था, लेकिन उसके बाद भी काउंसलिंग शुरू नहीं हुई.
बुधवार को सुनवाई के दौरान राज्य के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने कहा कि वह इस पर विचार करेगा कि काउंसलिंग हो सकती है या नहीं. इसके बाद न्यायाधीश ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि बार-बार आदेश देने के बावजूद राज्य अदालत के आदेश का पालन क्यों नहीं कर रहा है. इसके बाद महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने कहा कि इसे लेकर खंडपीठ का आदेश है.
सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी मामले पर रोक लगा दी है. इसके बाद न्यायाधीश ने पूछा कि आखिर अभ्यर्थी कब तक इंतज़ार करेंगे? मेधा से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता. यह कहते हुए न्यायाधीश उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को सुनवाई के दौरान उपस्थित होकर अदालत के सवालों का जवाब देने का निर्देश दिया.
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