प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव की तैयारी कोलकाता. प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी में स्नातक स्तर के दाखिलों के लिए नयी प्रवेश प्रक्रिया को लेकर विचार-विमर्श शुरू हो गया है. विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने इस संबंध में नवंबर में एक समीक्षा बैठक बुलायी है, जिसमें छात्रों की स्क्रीनिंग प्रक्रिया को लेकर अंतिम निर्णय लिया जायेगा. अब तक जेईई बोर्ड के माध्यम से दाखिला प्रक्रिया संचालित की जा रही थी, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह प्रक्रिया स्वतंत्र रूप से संचालित करने का निर्णय लिया है. यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब शिक्षकों और पूर्व छात्रों के एक वर्ग ने आरोप लगाया है कि जेईई मॉडल प्रतिभाशाली छात्रों को आकर्षित करने में असफल रहा है. प्रेसिडेंसी की भौतिकी विभाग की शिक्षिका सुचेराना चटर्जी का कहना है कि प्रवेश परीक्षाएं फिर से शुरू करने से मेधावी छात्रों को आकर्षित किया जा सकेगा. उनका मानना है कि जब विश्वविद्यालय खुद प्रवेश परीक्षा आयोजित करता था, तब छात्रों की गुणवत्ता बेहतर होती थी। यूनिवर्सिटी अब दो विकल्पों पर विचार कर रही है: 1. स्वतंत्र प्रवेश परीक्षा का आयोजन, जैसा कि पहले कॉलेज के रूप में होता था. 2. 12वीं बोर्ड और प्रवेश परीक्षा दोनों के अंकों के आधार पर मूल्यांकन, जैसा कि जादवपुर विश्वविद्यालय में किया जाता है. रजिस्ट्रार देबज्योति कोनार ने बताया कि समीक्षा बैठक में यह भी तय किया जायेगा कि क्या शिक्षक इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी के लिए उपलब्ध होंगे. उल्लेखनीय है कि 2015 में जेईई बोर्ड को जिम्मेदारी देने का निर्णय इसीलिए लिया गया था, क्योंकि कुछ शिक्षक प्रवेश परीक्षाओं से दूरी बना चुके थे. गौरतलब है कि हाल ही में स्नातक परिणामों में देरी को लेकर शिक्षकों के एक वर्ग ने कुलपति को पत्र लिखकर असंतोष जाहिर किया था और जेईई बोर्ड द्वारा करायी जा रही स्क्रीनिंग प्रणाली पर भी सवाल उठाये थे.प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी, जिसने कॉलेज के रूप में और बाद में विश्वविद्यालय के रूप में ए प्लस ग्रेड प्राप्त किया है, अब फिर से एक सशक्त और पारदर्शी प्रवेश प्रक्रिया की ओर कदम बढ़ा रही है.
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