कोलकाता.
महानगर में एक व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर उनसे 3.4 करोड़ रुपये ठग लिये गये. पीड़ित ने ठगी का एहसास होने पर कोलकाता पुलिस के साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज करायी. पुलिस ने जांच के दौरान उन बैंक खातों का पता लगाया जिनमें राशि ट्रांसफर की गयी थी. जांच प्रक्रिया में पहले स्तर के लाभार्थी खाताधारकों की पहचान हुई, जिसके बाद शनिवार को उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी से एक महिला सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया गया.गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कुंदन मिश्रा (33) और देबजानी नाग विश्वास (53) के रूप में हुई है. मिश्रा ने खुद को अधिवक्ता बताया है, जबकि विश्वास सिलीगुड़ी नगरपालिका में क्लर्क हैं. उनके ठिकानों से एक लैपटॉप, तीन मोबाइल फोन और कुछ दस्तावेज जब्त किये गये हैं.
क्या है मामला
: पुलिस ने बताया कि पिछले साल सितंबर में आरोपियों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट करने का डर दिखाया. उन्होंने पीड़ित से कहा कि उसने वेबसाइट पर पोर्नोग्राफी कंटेंट अपलोड किया है और उस पर धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) का भी आरोप है. आरोपियों से डरकर पीड़ित ने पिछले साल 18 सितंबर से 30 अक्टूबर के बीच लगभग 3.4 करोड़ रुपये अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिये. बाद में ठगे जाने का एहसास होने पर उन्होंने कोलकाता पुलिस के साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज करायी. पुलिस मामले में अन्य आरोपियों का पता लगाने में जुटी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

