कोलकाता. पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद हुगली में एक पाकिस्तानी नागरिक को गिरफ्तार किया गया था. फातिमा बीबी नामक उस महिला की जमानत की अर्जी कोलकाता हाइकोर्ट ने खारिज कर दी है. सोमवार को जस्टिस अमृता सिन्हा की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई. 60 वर्षीय फातिमा बीबी लगभग 45 वर्षों से चंदननगर के कुठिर मাठ इलाके में रह रही है. उनके पति और बच्चे भी इसी देश में हैं. अदालत में उनके वकील ने बताया कि फातिमा का जन्म भारत में हुआ था. तीन साल की उम्र में वे अपने माता-पिता के साथ पाकिस्तान के रावलपिंडी चली गयीं. बाद में 1980 में पर्यटन वीजा पर अपने पिता के साथ भारत लौटीं, तब उनकी उम्र 15 साल थी. दो साल बाद चंदननगर के बेकरी व्यवसायी मुजफ्फर मल्लिक से उनकी शादी हुई. दंपती की दो बेटियों की भी शादी हो चुकी है. हालांकि, पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, भारत में टूरिस्ट वीजा पर आने के एक साल बाद ही फातिमा को लापता बताया गया है. उनके वकील का दावा है कि फातिमा लंबे समय से नागरिकता के लिए आवेदन कर रही हैं, लेकिन वह आवेदन अभी तक निपटाया नहीं गया है. उन्होंने फातिमा की खराब शारीरिक स्थिति को देखते हुए उन्हें हाउस अरेस्ट में ही रखने की अपील की, लेकिन अदालत ने अनुरोध को खारिज कर दिया.
न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने केंद्र सरकार को फातिमा के नागरिकता आवेदन का जल्द निपटारा करने का निर्देश दिया है.
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