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बढ़ेगी मतदान केंद्रों की संख्या, आयोग ने आठ सितंबर तक मांगी दलों की राय

चुनाव आयोग ने की सर्वदलीय बैठक, विधानसभा चुनाव से पहले होंगे कुछ बदलाव

कोलकाता. पश्चिम बंगाल में आगामी वर्ष होनेवाले विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने यहां मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है. आयोग के अनुसार, राज्य में किसी भी मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या अधिकतम 1200 होनी चाहिए. इससे अधिक मतदाताओं वाले बूथों को विभक्त कर नये बूथ बनाये जायेंगे. इससे बंगाल में मतदान केंद्रों की संख्या 80 हजार से बढ़ कर 94 हजार तक पहुंच सकती है. इसी मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलायी थी, जिसमें राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों में भाजपा, माकपा व कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों ने प्रतिनिधि उपस्थित रहे.

बताया गया है कि पश्चिम बंगाल में मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाने पर आपत्ति होने पर राजनीतिक दल आगामी आठ सितंबर तक लिखित तौर पर चुनाव आयोग के पास शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) मनोज अग्रवाल ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि शिकायत मिलने पर उनकी समीक्षा कर उचित कदम उठाया जायेगा.

मालूम हो कि चुनाव आयोग ने 12,000 से अधिक मतदाताओं वाले बूथों को भंग कर नये बूथों का गठन करने का निर्देश दिया है. बंगाल में वर्तमान में 80,000 से कुछ अधिक बूथ हैं, जिनकी संख्या 14,000 तक बढ़ सकती है.

क्या कहना है तृणमूल कांग्रेस का

शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस की ओर से मंत्री अरूप विश्वास, मंत्री पुलक रॉय व सांसद पार्थ भौमिक शामिल हुए. बैठक के बाद श्री विश्वास ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ने पर हमें कोई आपत्ति नहीं है. हम चाहते हैं कि अतिरिक्त बूथ उसी मतदान केंद्र में हों. मतदाताओं को वोट देने दो किलोमीटर दूर न जाना पड़े. मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) पर श्री विश्वास ने कहा कि चुनाव आयोग को निष्पक्ष होकर काम करना होगा. लोगों का मताधिकार छीनने की कोशिश की जा रही है. हम ऐसा हरगिज नहीं होने देंगे.

क्या कहा भाजपा के प्रतिनिधियाें ने

वहीं, भाजपा की ओर से शिशिर बाजाेरिया सहित दो नेता बैठक में शामिल हुए. बैठक के बाद श्री बाजोरिया ने कहा कि बूथों के पुनर्विन्यास को लेकर चर्चा हुई है. हमें 24 जिलों की सूची मिली है. हमारा प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि यह कैसे संभव है कि किसी राजनीतिक दल ने इसका विरोध नहीं किया? हमारे राज्य में कई जगहों पर राजनीतिक अशांति चल रही है. इसलिए हमने कई जगहों पर मतदान केंद्रों का स्थान बदलने की मांग की है. उन्होंने कहा कि अब तक हमें बीएलओ की सूची नहीं दी गयी है. 40 प्रतिशत अधिक अस्थायी कर्मचारियों को भी बीएलओ बना दिया गया है. यह वोट चुराने के लिए किया गया है.

क्या कहना है माकपा व कांग्रेस का

माकपा नेता शमिक लाहिड़ी ने कहा कि आज मुख्य रूप से बूथों के पुनर्विन्यास पर चर्चा हुई. इस पर ज़िला स्तर पर भी बैठक हुई थी. माकपा ने जिला चुनाव अधिकारियों पर गलत रिपोर्ट पेश करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि डीएम ने मूल रिपोर्ट छिपाकर गलत रिपोर्ट दी है. वे ख़ुद सुप्रीम कोर्ट में एसआइआर को लेकर फंस गये हैं. वहीं, इस बैठक में कांग्रेस की ओर से आशुतोष चटर्जी शामिल हुए और उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी एसआइआर के खिलाफ है और बंगाल में एसआइआर लागू नहीं होने देंगे. हालांकि, उन्होंने कहा कि शुक्रवार की बैठक में एसआइआर को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई. वहीं, सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए कांग्रेस नेताओं ने अपने गले में ””””नो एसआइआर”””” लिखा बोर्ड लटका रखा था.

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