19 को फिर होगी सुनवाई कोलकाता. कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान इस बात पर संदेह व्यक्त किया है कि क्या रोज वैली की सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में बनी कमेटी को वास्तव में कार्य करने की अनुमति दी जाये या नहीं, क्योंकि न्यायालय ने कहा कि समिति के कार्यों और प्रस्तुत दस्तावेजों से लेकर वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों को देखने के बाद अब कुछ निर्णय लेना पड़ सकता है. शुक्रवार को जैसे ही न्यायाधीश राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ में मामले की सुनवाई शुरू हुई, समिति के प्रभारी सेवानिवृत्त न्यायाधीश दिलीप सेठ अभूतपूर्व तरीके से उपस्थित हुए. मौके पर कमेटी के अधिवक्ता भी मौजूद थे. लेकिन उन्होंने स्वयं बहस शुरू की. इसे लेकर जमाकर्ताओं के वकीलों ने उन पर अदालत को प्रभावित करने का आरोप लगाया. दिलीप सेठ ने कोर्ट में कहा : मैं अदालत से कुछ आवश्यक आदेश मांग रहा हूं. वर्तमान में दस्तावेजों को सत्यापित करने के लिए जिस तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, उसमें 15-20 साल और लगेंगे, इसलिए मैं एआइ तकनीक का उपयोग करने की अनुमति चाहता हूं. हमने उस व्यक्ति से संपर्क किया है, जो सहारा के पैसे के भुगतान के संबंध में प्रभारी थे. अदालत ने कहा कि एक और सप्ताह प्रतीक्षा करें. आपके मामले की सुनवाई अगले हफ्ते होगी. न्यायाधीश ने कहा कि कमेटी के कामकाज को लेकर कई अनियमितताएं सामने आयी हैं. अदालत अभी इस पर कोई निर्देश नहीं देगी. इस मामले पर अन्य सभी पक्षों के बयान वह सुनेंगे. ऐसा कैसे हो सकता है कि एक पक्ष को बहुत सारा पैसा मिल रहा है, जबकि किसी को एक पैसा नहीं मिल रहा. आपके पास कुशल वकील हैं. उन्हें बहस करने और जवाब देने दें.
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