कोलकाता. रााज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) लागू करने से पहले मतदाता सूची को लेकर चुनाव आयोग सतर्क है. मार्च से मई तक, तीन महीनों में आयोग के पास मतदाता सूची में नाम पंजीकरण कराने के लिए बड़ी संख्या में आवेदन जमा हुए हैं. एसआइआर लागू होने की आशंका के बीच कई लोगों ने मतदाता सूची में नाम पंजीकृत कराने के लिए आवेदन किया है. लेकिन इतने सारे आवेदन तो जमा हो रहे हैं, लेकिन उनमें से भी, अधिकांश आवेदनों के साथ आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं हुए हैं. इस कारण बड़ी संख्या में आवेदन खारिज भी हो रहे हैं. जानकारी के अनुसार, आयोग ने मार्च से मई तक मतदाता सूची के लिए आवेदन जमा करने वाले कुल आवेदनों में से 50 प्रतिशत से ज्यादा आवेदन खारिज कर दिये हैं. बताया गया है कि इस दौरान कुल दो लाख 33 हजार आवेदन प्राप्त हुए थे. इनमें से आयोग ने एक लाख 16 हजार आवेदन खारिज कर दिये हैं. और इस मामले में, आवेदन ज्यादातर बंगाल के सीमावर्ती ज़िलों, मालदा, मुर्शिदाबाद और दोनों 24 परगना जिलों में जमा हुए थे. बताया गया है कि इनमें से मुर्शिदाबाद में ही 30 हजार से अधिक आवेदन खारिज कर दिये गये. आयोग ने दोनों 24 परगना जिलों में मिले 20 से 25 हजार आवेदनों को खारिज कर दिया है. चुनाव आयोग के अनुसार, आवेदन फॉर्म में कई कॉलम दिये गये हैं और आवेदन के साथ कई दस्तावेज भी मांगे गये हैं. आयोग का कहना है कि अगर फॉर्म भरने में कोई गलती होती है या कोई कॉलम खाली रहता है, तो आवेदन खारिज कर दिया जा रहा है. साथ ही कुछ साल पहले देखा गया था कि अगर वोटर कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जाता था, तो कार्ड घर पहुंच जाता था. लेकिन अब हर आवेदन के बाद सुनवाई हो रही है. सुनवाई में दोनों पक्षों के बयान दर्ज किये जा रहे हैं. पता चला है कि आयोग के पास एक लाख आवेदन लंबित हैं, जिन पर सुनवाई नहीं हो सकी. आयोग सूत्रों के अनुसार, जून से अगस्त तक 10 लाख आवेदन जमा हुए थे. इनमें से आयोग ने 34 प्रतिशत आवेदनों पर मुहर लगा दी है. देश के मुख्य चुनाव आयुक्त बुधवार को मुख्य चुनाव अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे.
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