निगम के 14,600 से अधिक श्रमिक प्रभावित
कोलकाता. कोलकाता नगर निगम के मनरेगा (शहरी) श्रमिकों को इस साल की शुरुआत से ही वेतन नहीं मिल रहा है. निगम की 100 दिन रोजगार योजना के तहत काम करने वाले कर्मचारियों को दो महीने से वेतन नहीं मिला है. इस कारण लगभग 14,600 मनरेगा श्रमिक प्रभावित हैं. इसमें ट्रेंड और अकुशल श्रमिक शामिल हैं. वहीं, इन श्रमिकों को निगम की ओर से आश्वासन दिया गया है कि होली से पहले बकाया वेतन का भुगतान उनके बैंक खातों में कर दिया जायेगा. उधर, भाजपा के पार्षद सजल घोष ने सोशल मीडिया में पोस्ट कर लिखा है कि वेतन नहीं मिलने से श्रमिक परेशान हैं. उन्होंने इसके लिए कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम पर भी निशाना साधा. भाजपा पार्षद सजल घोष ने सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर सवाल उठाये.
हालांकि, निगम की 100 दिन शहरी रोजगार योजना के प्रभारी मेयर परिषद सदस्य असीम बसु ने आश्वासन दिया है कि दो महीने का बकाया वेतन अगले सात दिनों के भीतर श्रमिकों के बैंक खातों में जमा कर दिया जायेगा. बता दें कि 100 दिन रोजगार योजना के तहत निगम के इलेक्ट्रिसिटी व लाइंटिग, ठोस कचरा प्रबंधन, पार्क एंड स्क्वायर सह अन्य विभागों में श्रमिक काम करते हैं. हालांकि, इतने महत्वपूर्ण कार्य करने वाले श्रमिकों को वेतन नहीं मिल रहा है. लगातार दो महीने से उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है. बता दें कि कचरा प्रबंधन से लेकर सीवरेज, उद्यान, सड़क और इंजीनियरिंग विभाग तक सभी विभागों में कई रिक्तियां हैं. इस परियोजना के श्रमिक नाममात्र दैनिक मजदूरी के बदले उन स्थायी श्रमिकों के काम को करते हैं.
ऐसे में विभाग के मेयर परिषद के सदस्य असीम बसु ने कहा कि तकनीकी गड़बड़ियों के कारण कर्मियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है. यह समस्या सात दिन में हल हो जायेगी. होली से पहले कर्मचारियों को उनके खातों में दो महीने का बकाया पैसा भी मिल जायेगा. जानकारी के अनुसार 100 दिन रोजगार योजना वाले एक कुशल श्रमिक की दैनिक मजदूरी 404 रुपये और अकुशल श्रमिक की दैनिक मजदूरी 202 रुपये है. वर्तमान में, निगम के लगभग 14,600 कर्मचारी 100 दिन परियोजना में काम कर रहे हैं. उनमें से ज्यादातर कचरा संग्रहण विभाग में काम करते हैं.
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