पिछले वर्ष भी कई वार्डों में फैला था डायरिया का प्रकोप
संवाददाता, हावड़ा.
प्रत्येक साल गर्मी का मौसम शुरू होते ही शहर में दूषित पानी पीने से कई लोगों के बीमार होने की खबरें सामने आती हैं. पिछले वर्ष मध्य हावड़ा के चारूचंद्र सिंह लेन, कैलाश बोस लेन सहित आसपास के इलाकों में दूषित पानी पीने से कई लोग बीमार हुए थे. कुछ लोगों को अस्पतालों में भर्ती भी कराया गया था. वर्ष 2023 में उत्तर हावड़ा के सलकिया में डायरिया की चपेट में आने से 100 लोग बीमार हुए थे. इस वर्ष भी दूषित पानी पीने से कई लोगों के बीमार होने की खबर सामने आयी है, जबकि एक किशोरी की मौत भी हो गयी. निगम के पास दूषित पानी की रोकथाम को लेकर कोई सटीक जवाब नहीं है. आखिरकार, इस समस्या से कैसे पार पाया जाये, इसका निदान निगम के पास दिखता नजर नहीं आ रहा है.
बता दें कि, पिछले कई दिनों से हावड़ा नगर निगम के एडेड वार्डों में (45-50) दूषित पानी पीकर कई लोग बीमार हुए हैं. निगम को इस बात की जानकारी होने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. इसी बीच वार्ड 49 की रहने वाली सूचना सामंत की तबीयत अधिक बिगड़ गयी. उसके ब्लड रिपोर्ट में पीलिया होने का खुलासा हुआ था. परिजनों ने उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया. स्थिति में सुधार नहीं होते देखकर उसे एसएसकेएम में रेफर कर दिया गया, जहां 15 दिनों तक भर्ती रहने के बाद उसने दम तोड़ दिया. पूरे इलाके में मातम पसरा हुआ है. स्थानीय लोगों ने कहा कि आखिर इस बच्ची की मौत का जिम्मेवारी कौन लेगा. वहीं, बच्ची की मौत के बाद निगम हरकत में आया है. मेडिकल टीम भेजी गयी है. घर- घर जाकर दवाइयां दी जा रही हैं. इस बारे में पूछे जाने पर निगम के प्रशासनिक बोर्ड के चेयरमैन डॉ सुजय चक्रवर्ती ने कहा कि एडेड वार्डों में जलापूर्ति निगम के साथ केएमडीए भी करता है. गंदा पानी होने की वजह क्या है, इसके लिए निगम और केएमडीए के अधिकारी जांच में जुटे हैं. दूषित पानी पीकर बीमार होने वाले लोगों के लिए मेडिकल टीम भेजा गया है. निगम इस मसले को लेकर गंभीर है.
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