प्रतिनिधि, पुरुलिया
केंद्र सरकार के खुफिया विभाग के अधिकारी मनीष रंजन मिश्र (42) अपनी पत्नी व बच्चों के साथ छुट्टियां बिताने कश्मीर के पहलगाम गये थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि आतंकियों की गोली का शिकार होकर जान गंवा बैठेंगे.
मंगलवार को पहलगाम में पत्नी व बच्चों के सामने मनीष रंजन की भी आतंकियों ने गोली मार कर हत्या कर दी. जिले के झालदा शहर के वार्ड पांच के रहनेवाले मनीष रंजन मिश्र की मौत की खबर फैलते ही पूरे झालदा शहर में शोक छा गया. सुबह से ही मनीष के दोस्त व स्थानीय लोग उनके घर पहुंच कर शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने लगे. पिता मंगलेश मिश्र, मां आशा के अलावा दो भाई राहुल रंजन व विनीत रंजन रहते हैं. राहुल व विनीत ने बताया कि दो दिन पहले भैया से उनकी बात हुई थी. मंगलवार सुबह वे लोग दिल्ली जा रहे थे, जहां पहलगाम से लौटनेवाले मनीष भैया से उनकी भेंट होनी थी. वहां से वे लोग एकसाथ वैष्णो देवी के दर्शन को जानेवाले थे, पर मंगलवार शाम को जैसे ही यह खबर दोनों छोटे भाइयों को मिली, दोनों बीच रास्ते से झालदा लौट आये. परिवार के लोगों ने बताया कि मनीष व अन्य पर्यटकों की जान लेनेवाले आतंकियों को तलाश कर उनके अंजाम तक पहुंचाया जाये, उन्हें कड़ी सजा दी जाये. बुधवार को शोकाकुल मिश्र परिवार के घर तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय विधायक सुशांत महतो, जिला सभाधिपति निवेदिता महतो व शांतिराम महतो पहुंचे. उधर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, पुरुलिया के सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो भी मनीष के घर पहुंचे और पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता का भरोसा दिया. बताय गया कि गुरुवार को मनीष का शव दोपहर 12 बजे तक झालदा पहुंचेगा. वहां से शवयात्रा निकलेगी और अंत्येष्टि की जायेगी.
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