योग्य कर्मचारियों को सरकार द्वारा सत्तारूढ़ पार्टी के कोष या मुख्यमंत्री राहत कोष के माध्यम से वेतन का भुगतान किये जाने की मांग की
कोलकाता/नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय द्वारा पश्चिम बंगाल के करीब 26 हजार शिक्षकों और गैर शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती रद्द करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखने के फैसले के बाद भाजपा ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग की. केंद्रीय मंत्री और भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने दावा किया कि बनर्जी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के बाद शिक्षकों की भर्ती मामले में जेल जानेवाली दूसरी मुख्यमंत्री होंगी. पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा : ममता बनर्जी को अब सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है. अगर उनमें जरा भी जिम्मेदारी का अहसास बचा है, तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए. वह निश्चित रूप से जेल जाएंगी. मजूमदार ने कहा कि लगभग 26 हजार भर्ती में से करीब 20 हजार का चयन वास्तव में किया गया, जबकि अन्य को राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं द्वारा कथित रूप से रचे गये घोटाले से लाभ मिला. उन्होंने बर्खास्त किये गये योग्य कर्मचारियों को सरकार द्वारा सत्तारूढ़ पार्टी के कोष या मुख्यमंत्री राहत कोष के माध्यम से वेतन का भुगतान किए जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि बर्खास्त योग्य कर्मियों और उनके परिवारों को अंधकारमय भविष्य का सामना करना पड़ रहा है. पात्रा ने कहा कि फैसले के बाद बनर्जी की विश्वसनीयता और वैधता खत्म हो गयी है. बनर्जी की इस बात पर कि वह मानवीय आधार पर फैसले को स्वीकार नहीं कर सकतीं. पात्रा ने कहा कि उच्चतम न्यायालय को उन पर अदालत की अवमानना का आरोप लगाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को उन अभ्यर्थियों की पहचान करने का सुझाव दिया था जिनकी भर्ती भ्रष्ट तरीकों से हुई थी.
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