कोलकाता. राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) प्रक्रिया को लेकर फैले भय और तनाव के कारण लोगों की कथित खुदकुशी की घटनाओं ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. रविवार को तृणमूल कांग्रेस का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल लगातार दूसरे दिन मृतकों के परिजनों से मिला. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के निर्देश पर यह दौरा किया गया. बनर्जी के निर्देशानुसार रविवार को तृणमूल के कई वरिष्ठ नेताओं ने अलग-अलग जिलों में जाकर मृतकों के घरों का दौरा किया. जमालपुर में मृत विमल सांतरा के परिवार से विधायक नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती और रवि चटर्जी ने मुलाकात की. रामनगर में मृत शेख सिराजुद्दीन के घर पहुंचे ऋजु दत्ता और स्थानीय नेता. भांगड़ में मृत सफीकुल इस्लाम के परिजनों के पास गये विधायक शौकत मोल्ला और अरूप चक्रवर्ती. बहरमपुर में मृत तारक साहा के परिवार से मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और अपूर्व सरकार मिले. कुलपी में मृत हफीज शेख के परिजनों से पार्थ भौमिक और बापी हालदार ने संवेदना जतायी. वहीं, सैंथिया में स्नेहाशीष चक्रवर्ती स्थानीय नेताओं के साथ मृतक बिमान प्रमाणिक के घर पहुंचे. तृणमूल नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार और गृह मंत्रालय की ””डिटेक्ट, डिलीट और डिपोर्ट”” नीति ने बंगाल में भय और असुरक्षा का माहौल बना दिया है. बंगालियों को अपने ही राज्य और देश में नागरिकता साबित करने की मजबूरी दी जा रही है. यह अमानवीय है. भाजपा जान-बूझकर नागरिकता को राजनीतिक हथियार बना रही है. भांगड़ की घटना का जिक्र करते हुए तृणमूल विधायक शौकत मोल्ला ने बताया कि एक अधेड़ ने एसआइआर प्रक्रिया के डर से आत्महत्या कर ली. लोगों में यह डर फैलाया जा रहा है कि सूची से नाम हट सकता है, जिससे उन्हें नागरिकता खोने का खतरा रहेगा. तृणमूल नेताओं ने कहा : भाजपा ने बंगाल में डर का माहौल बना दिया है, पर हम यह भय खत्म करेंगे. सभी स्थानों पर तृणमूल प्रतिनिधियों ने परिजनों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार और पार्टी उनके साथ खड़ी है.
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