कोलकाता.
सरकार और निजी बस संगठनों के बीच सोमवार को हुई बैठक बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गयी. परिवहन संगठनों ने अपनी प्रस्तावित 72 घंटे की हड़ताल पर कायम रहने की बात कही है. मंगलवार को फिर यातायात पुलिस और निजी बस संगठनों के साथ राज्य सरकार की एक और उच्च स्तरीय बैठक होने वाली है. ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट के महासचिव तपन बनर्जी ने बताया कि परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक बेनतीजा रही, क्योंकि उनकी मांगें परिवहन मंत्री और सचिव स्तर की हैं. शाम को परिवहन सचिव के साथ हुई बैठक में भी कोई खास नतीजा नहीं निकला. उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सीधे हस्तक्षेप करने की मांग की है और कहा कि वे अपनी 72 घंटे की हड़ताल पर अभी भी कायम हैं. हालांकि, पुलिस कार्रवाई के मुद्दे पर परिवहन सचिव ने मंगलवार को फिर से बस संगठनों को बैठक के लिए बुलाया है, जिसमें कोलकाता और हावड़ा ट्रैफिक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.वेस्ट बंगाल बस एंड मिनी बस ऑनर एसोसिएशन के महासचिव प्रदीप नारायण बोस ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार को 20 मई तक का समय दिया था. सरकार ने उससे पहले ही बैठक की है, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पायी है. पुलिस अत्याचार के मुद्दे पर मंगलवार को एक और बैठक होगी, जिसमें परिवहन सचिव और पुलिस अधिकारी शामिल होंगे. उन्हें उम्मीद है कि इस बैठक में कुछ समाधान निकलेगा.
गौरतलब रहे कि निजी बस मालिक 15 साल पुरानी बसों को हटाने के फैसले को वापस लेने, पुलिस उत्पीड़न और मनमाने टोल टैक्स वसूली जैसे अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर 22, 23 और 24 मई तक 72 घंटे की हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे चुके हैं. अगर 20 मई तक उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं की जाती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

