कोलकाता. काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशंस ने आइसीएसई (कक्षा दसवीं) काउंसिल प्रोजेक्ट के लिए स्कूलों को सुविधाएं तैयार रखने का निर्देश दिया है. इसमें कक्षा तीसरी, पांचवीं और आठवीं के लिए ट्रायल टेस्ट लेने के लिए सुझाव दिया गया है. काउंसिल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सचिव जोसेफ इमानुएल ने जानकारी दी कि काउंसिल जुलाई में कक्षा तीन, पांच और आठ में ऑनलाइन मूल्यांकन के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट की योजना बना रही है. यह पायलट प्रोजेक्ट देशभर के लगभग 300 स्कूलों में चलाया जायेगा, जिनमें से 25 से 30 स्कूल बंगाल के होंगे. उन्होंने कहा, “कक्षा तीन, पांच और आठ के लिए मूल्यांकन पायलट परियोजना जुलाई में शुरू होगी. हम देश भर में करीब 300 स्कूलों और बंगाल में करीब 25 से 30 स्कूलों में इसकी योजना बना रहे हैं. पिछले महीने, काउंसिल ने स्कूलों को एक परिपत्र भेजा था, जिसमें कहा गया था कि स्कूलों में इंटरनेट सुविधाओं के साथ पूर्णतः कार्यात्मक कंप्यूटर प्रयोगशालाएं होनी चाहिए, ताकि छात्र ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफार्मों तक पहुंच सकें और काउंसिल की ऑनलाइन गतिविधियों में भाग ले सकें. इसका उद्देश्य बच्चों को डिजिटल साक्षरता और पर्याप्त शिक्षण अवसर प्रदान करना है. साथ ही, इससे तृतीय, पंचम और आठवीं कक्षा के मूल्यांकन में भी मदद मिलेगी. अगर स्कूल न्यूनतम अनुपात (छात्रों की संख्या के अनुसार कंप्यूटरों की संख्या) और आवश्यक सिस्टम कॉन्फ़िगरेशन बनाये रखते हैं, तो उन्हें मूल्यांकन के दौरान संघर्ष नहीं करना पड़ेगा. काउंसिल ने स्कूलों से कहा है कि वे कम से कम 45 पूर्णतः कार्यशील डेस्कटॉप या लैपटॉप रखें, जिसमें प्रत्येक 20 छात्रों के लिए एक सिस्टम हो. काउंसिल ने स्कूलों से अगले तीन महीनों में निर्दिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कहा है. ये मूल्यांकन मैन्युअल रूप से नहीं किये जायेंगे क्योंकि इसमें “भारी खर्च” आयेगा. उन्होंने कहा, “मूल्यांकन ऑनलाइन किया जायेगा और छात्रों के उत्तर सर्वर में संग्रहीत किये जायेंगे. पायलट परियोजना के लिए चयनित किसी विशेष स्कूल की सभी तीन कक्षाओं में मूल्यांकन किया जायेगा, लेकिन प्रत्येक कक्षा से परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों की संख्या अभी निर्धारित नहीं की गयी है. काउंसिल ने पायलट परियोजना के लिए अभी तक स्कूलों का चयन नहीं किया है. सचिव ने कहा कि हमें शहरी और ग्रामीण, लड़कियों और लड़कों दोनों के स्कूलों पर विचार करना होगा. प्रत्येक स्कूल खंड से कुछ निश्चित संख्याएं चुनी जायेंगी. इमैनुएल ने कहा कि यदि पायलट परियोजना अच्छी तरह से चलती है, तो काउंसिल जनवरी-फरवरी 2026 में मुख्य मूल्यांकन करने में सक्षम होगी. उस समय तक पाठ्यक्रम पूरा हो जायेगा और बच्चे मूल्यांकन के लिए तैयार हो जायेंगे. इन मूल्यांकनों से विद्यार्थियों की सीखने की योग्यता और कौशल के बारे में जानकारी मिलेगी. यह कोई परीक्षा नहीं होगी, जिसमें बच्चों को पास-फेल का भय रहेगा, बल्कि यह एक अभ्यास के रूप में कराया जायेगा. कई स्कूल काउंसिल की आवश्यकताओं के अनुसार अपनी प्रणाली स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं. इसके लिए स्कूलों को बजट को अंतिम रूप देना होगा, क्योंकि यह स्कूल द्वारा किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण व्यय है.
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