संवाददाता, कोलकाता
शुक्रवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के विशेष महानिरीक्षक (पूर्वी कमान) मुख्यालय, कोलकाता में एक दिवसीय फील्ड कमांडर्स सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस उच्चस्तरीय सम्मेलन की अध्यक्षता बीएसएफ के अतिरिक्त महानिदेशक (पूर्वी कमान) महेश कुमार अग्रवाल ने की, जिसमें सीमा से जुड़े अहम मुद्दों पर गहन चर्चा हुई.
सम्मेलन की शुरुआत बीएसएफ के आइजी संजय कुमार मिश्रा के स्वागत भाषण से हुई. उन्होंने समन्वित नेतृत्व, रणनीतिक योजना और संयुक्त कार्यवाही की महत्ता पर जोर दिया. अग्रवाल ने सीमाओं की रक्षा में तकनीकी आधुनिकीकरण, स्थानीय सहभागिता और अनुकूल नेतृत्व के महत्व पर बल दिया.
उन्होंने क्षेत्रीय कमांडरों को निर्देश दिया कि वे सभी संभावित परिचालन एवं लॉजिस्टिक चुनौतियों के लिए पूरी तरह तैयार रहें. अग्रवाल ने बांग्लादेश सीमा पर भूमि अधिग्रहण मामलों को मिशन मोड में निपटाने और बिना बाड़ वाली सीमाओं पर प्राथमिकता से बाड़ लगाने के कार्य को पूरा करने के निर्देश दिये. सुंदरबन क्षेत्र में प्रभावी सीमा प्रबंधन पर भी विशेष बल दिया गया. उन्होंने सीमा क्षेत्रों में बीएसएफ की अपराध नियंत्रण और स्थानीय नागरिकों के प्रति सेवा भावना की सराहना करते हुए सभी कमांडरों से आह्वान किया कि वे सीमा की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की कोताही न बरतें. उन्होंने नवीनतम निगरानी तकनीकों को अपनाने, स्मार्ट समाधान अपनाने और भविष्य के खतरों के लिए अग्रिम सोच विकसित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.
सम्मेलन में अवैध प्रवासन, पशु तस्करी, मादक पदार्थों की तस्करी और अन्य सीमावर्ती अपराधों पर विस्तार से चर्चा हुई. मणिपुर की वर्तमान स्थिति पर भी विशेष चर्चा हुई. बीएसएफ अधिकारी अग्रवाल ने राज्य पुलिस, खुफिया एजेंसियों और केंद्रीय बलों के साथ संयुक्त अभियानों को और अधिक सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने सीमावर्ती समुदायों को अदृश्य प्रहरी कहा, जो बीएसएफ की सतर्कता को और मजबूत करते हैं. बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के साथ सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की गयी.
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