संवाददाता, कोलकाता.
विधानसभा चुनाव से पहले आइ-पैक को लेकर चर्चा तेज हो गयी है. शनिवार की वर्चुअल बैठक में अभिषेक बनर्जी ने आइ-पैक पर जोर दिया था. इसे लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कटाक्ष किया है. उन्होंने आशंका जतायी कि आइ-पैक कर्मियों का उपयोग वोट लूट में किया जा सकता है. उन्होंने आरोप लगाया कि इसके पहले हुए विधानसभा चुनाव में 500 रुपये देकर वोट खरीदे गये थे.
लोकतंत्र का कुछ स्वाभाविक नियम है. इस तरह की एजेंसी को घर बैठ कर काम करना चाहिए. 2021 में हुए चुनाव के समय हमलोगों ने देखा था कि वे लोग मैदान में उतर कर काम कर रहे थे. घर-घर जाकर लोगों के बैंक अकाउंट में 500 रुपये दिये गये थे. लोकतंत्र के लिए यह ठीक नहीं है. ठंडा घर में बैठ कर यदि वे काम करते हैं तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन लोगों के मत परिवर्तन की कोशिश होती है, तो इसे लेकर बातचीत होनी चाहिए.
इसके पहले विपक्ष के नेता ने भी आरोप लगाया था कि वेबेल में आइ-पैक कर्मियों को ठेके पर कर्मचारी के रूप में रखा गया था. तृणमूल नेता कुणाल घोष ने इसे लेकर कहा कि यह पूरी तरह से गलत धारणा है. आइ-पैक एक निजी एजेंसी है. वह अपना कर्मचारी स्वयं नियुक्त करती है. भाजपा इस बारे में जितना कम बोले, उतना ही उनके लिए ठीक रहेगा.
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