शिव कुमार राउत, कोलकाता
आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है. इसे मॉर्डन मेडिसिन यानी एलोपैथी का जनक भी कहा जाता है. आयुर्वेद को और अधिक लोकप्रिय बनाने और जन-जन तक पहुंचाने के लिए केंद्रीय आयुष मंत्रालय की ओर से वर्षों से लगातार कोशिश की जा रही है. इसकी बानगी अब देखने को मिल रही है. केंद्र की इन्हीं कोशिशों के कारण आयुष मंत्रालय ने पांच गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किया है.आयुष मंत्रालय की ओर से आयोजित ‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ का पहला चरण 20 फरवरी को समाप्त हुआ. पहला चरण देश के लिए ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा है. देश का प्रकृति परीक्षण अभियान ने अभूतपूर्व पांच गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किये, जो समग्र स्वास्थ्य सेवा के प्रति देश के समर्पण और आयुर्वेद की बढ़ती वैश्विक मान्यता को दर्शाता है. राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (एनसीआइएसएम) ने आयुष मंत्रालय के सहयोग से 20 फरवरी को मुंबई में ‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ का पहला चरण पूरा होने के अवसर पर समापन समारोह का आयोजन किया गया. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निर्णायक रिचर्ड विलियम्स स्टेनिंग ने सभी पांचों रिकॉर्ड सफलतापूर्वक पूरे होने की आधिकारिक घोषणा की.
उन्होंने आयुष मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव को प्रमाण पत्र प्रदान किये. ज्ञात हो कि इस अभियान के शुभारंभ की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर पिछले साल की थी. पहले चरण के दौरान एक महत्वपूर्ण क्षण वह था, जब भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रकृति परीक्षण करवाने वाली पहली महिला बनीं, जिससे पूरे देश में व्यापक भागीदारी को प्रेरणा मिली. अभियान के पहले चरण में असाधारण प्रतिक्रिया देखी गयी, जिसमें 1.29 करोड़ से अधिक लोगों के लिए प्रकृति परीक्षण किया गया, जो एक करोड़ के लक्ष्य को पार कर गया. इस उल्लेखनीय उपलब्धि में 1,81,667 स्वयंसेवक शामिल थे, जिनमें 1,33,758 आयुर्वेद छात्र, 16,155 शिक्षक और 31,754 चिकित्सक शामिल थे, जिसने अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड बनाया. प्रतिभागियों ने विभिन्न आयु समूहों, जातियों और पृष्ठ भूमियों का प्रतिनिधित्व किया, जो वास्तव में राष्ट्र की विविधता में एकता को दर्शाता है. यह व्यापक भागीदारी व्यक्तिगत स्वास्थ्य सेवा में भारत के नेतृत्व को रेखांकित करती है. निवारक स्वास्थ्य सेवा और जीवनशैली प्रबंधन में आयुर्वेद की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देती है. इस डेटा-संचालित दृष्टिकोण से साक्ष्य-आधारित शोध के लिए महत्वपूर्ण अंतरदृष्टि मिलने, आयुर्वेद को आधुनिक चिकित्सा के साथ जोड़ने और भारत के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य को आगे बढ़ाने की उम्मीद है.वहीं, इस अभियान में पश्चिम बंगाल के 626 आयुर्वेद स्टूडेंट, 93 शिक्षक आयुर्वेद चिकित्सक, 49 आयुर्वेद चिकित्सक और 34 मेडिकल ऑफिसर यानी कुल 802 चिकित्सकों ने मिल कर राज्य में 9033 लोगों का प्रकृति परीक्षण किया है.
इस विषय में पश्चिम बंगाल से इस कार्यक्रम के स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ सुमित सूर ने बताया राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत आयुर्वेद विभाग के सभी अधिकारी व स्टूडेंट्स को इस रिकॉर्ड में सहयोगी होने के लिए धन्यवाद.प्रकृति परीक्षण अभियान का उद्देश्य
इस संबंध में राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (एनसीआइएसएम) के प्रेसिडेंट बोर्ड एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन प्रो. डॉ राकेश शर्मा ने बताया कि प्रकृति परीक्षण अभियान आयुर्वेद को लोकप्रिय बनाने के उदेश्य से काफी अहम है. हमने इस अभियान के तहत सर्वे करने के लिए करीब एक करोड़ 30 लाख लोगों तक पहुंचा है. ऐसे लोगों को आयुर्वेद के संबंध में जानकारी दी गयी है. उन्होंने कहा कि हम रोगी के दोष व धातु देख कर ही दवा देते हैं. वहीं इस अभियान के जरिए हम यह भी जान सके है कि देश में किस तरह की बीमारियों से लोग प्रभावित हैं. इस दौरान हमें जो डाटा मिला है, वह देश के किसी अन्य पैथी के लिए भी उपयोगी है. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है की आयुर्वेद के जरिए लोगों को रोगों से दूर रखा जा सके इससे प्राइमरी केयर हम दे सकेंगे. ताकि, बड़े सरकारी अस्पतालों पर से मरीजों का बोझ कुछ हद तक कम हो.पांच गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स पर एक नजर
एक सप्ताह में स्वास्थ्य अभियान के लिए 6,004,912 सर्वाधिक प्रतिज्ञाएं प्राप्त हुई. जबकि लक्ष्य 14,571 का था. यह एक नया रिकॉर्ड है.एक माह में स्वास्थ्य अभियान के लिए 13,892,976 सर्वाधिक प्रतिज्ञाएं प्राप्त हुई. इससे पहले शेन्जेन, गुआंग्डोंग, चीन में सिग्ना और सीएमबी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (चीन) द्वारा एक माह में 58,284 प्रतिज्ञाओं को प्राप्त किया था.
स्वास्थ्य अभियान के लिए सर्वाधिक प्रतिज्ञाएं कुल मिलाकर एक करोड़ 38 लाख 92 हजार 976 प्रतिज्ञाएं प्राप्त हुई है, जो कि जिफी एफडीसी लिमिटेड (भारत) द्वारा प्राप्त 569,057 प्रतिज्ञाओं के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गयी है.डिजिटल प्रमाण पत्र प्रदर्शित करने वाले लोगों का सबसे बड़ा ऑनलाइन फोटो एलबम: 62,525 फोटो के साथ, जिसने एक्सेंचर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (भारत) के 29,068 फोटो के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया.
एक ही वाक्य बोलने वाले लोगों का सबसे बड़ा ऑनलाइन वीडियो एल्बम: 12,798 वीडियो के साथ राहुल कुलकर्णी और नीलम एडलाबडकर (भारत) के 8,992 वीडियो के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है