कोलकाता. सुंदरवन के जंगल में बाघ के हमले में मारे गये चार मछुआरों के परिवारों ने मुआवजे के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय में मामला दायर किया है. पीड़ित परिवारों ने वन विभाग पर उदासीनता और अनिच्छा का आरोप लगाते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय में मामला दायर किया है. आरोप है कि पिछले कुछ दशकों से कानूनों और सरकारी प्रावधानों के बावजूद, वन विभाग सुंदरवन में मारे गये मछुआरों के परिवारों को कोई मुआवजा या नौकरी नहीं दे रहा है. वन विभाग का कहना है कि मछुआरे बिना अनुमति के ”कोर एरिया में प्रवेश” कर गये थे. इससे पहले, उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य ने मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया था कि राज्य सरकार को बाघ के हमले में मारे गए मृतकों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देना चाहिए, चाहे वह कोर या बफर क्षेत्र हो. लेकिन राज्य सरकार ने हाइकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है. अब पीड़ित परिवारों ने एक बार फिर हाइकोर्ट का रुख किया है, जिस पर इसी सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है.
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